खजनी (गोरखपुर)। बांसगांव थाना क्षेत्र के भैंसहा चौक के पास सोमवार दोपहर 2:45 बजे के करीब ट्रक से कुचलकर महिला की मौत हो गई। वह बेटे के साथ बाइक से नातिन की दवा कराने के लिए घर से निकली थीं। बाइक में साड़ी फंसने की वजह से नीचे गिर गईं और पीछे से आ रहा ट्रक सिर कुचलते हुए फरार हो गया। हादसे में बेटा और नातिन बाल-बाल बच गए। हादसे की सूचना के बाद स्थानीय लोग एकत्र हो गए और तीन बजे के करीब गोरखपुर-सिकरीगंज मार्ग के चौराहे पर जाम लगा दिया
शव रखकर जाम लगाने की वजह से दोनों ओर गाड़ियों की लंबी कतार लग गई थी। बाद में एसडीएम शिवम सिंह और सीओ बांसगांव के समझाने पर परिजन माने। परिवार को किसान दुर्घटना बीमा के तहत लाभ दिलाने का आश्वासन दिया गया। शाम साढ़े छह बजे शव पोस्टमार्टम के लिए भेजकर आवागमन शुरू कराया गया।
जानकारी के मुताबिक, बांसगांव के भैंसा बाजार धमउर निवासी पार्वती देवी (54) अपने बेटे विश्वजीत के साथ नातिन का दवा कराने के लिए घर से बाइक से निकली थीं। वह जैसे ही चौराहे पर पहुंचीं, उनकी साड़ी बाइक में फंस गई, जिससे वह सड़क पर गिर गईं।
इस दौरान पीछे से आ रहा ट्रक उन्हें रौंदता हुआ चला गया। मौके पर ही पार्वती की मौत हो गई। आसपास के लोगों ने ट्रक का पीछे भी किया, लेकिन वह फरार हो गया। करीब छह किलोमीटर आगे महदेवा के पास ट्रक को सड़क किनारे छोड़कर चालक फरार हो गया।
घटना की सूचना के बाद आए परिजन और ग्रामीणों ने रास्ता जाम कर दिया। वह ट्रक चालक को मौके पर ही बुलाने की मांग करने लगे। जाम लगने की सूचना पाते ही स्थानीय पुलिस के अलावा सिकरीगंज, खजनी थाने की फोर्स भी मौके पर बुला ली गई। एसडीएम बांसगांव शिवम सिंह, तहसीलदार दीपक गुप्ता, सीओ बांसगांव मौके पर पहुंच गए और कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दे रहे थे, लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं थे।
इस दौरान किसी ने भी वाहन को आगे बढ़ाने की कोशिश की तो लोग मारपीट पर उतारू हो जा रहे थे। किसी तरह से समझा-बुझाकर परिजनों को शांत कराया गया, लेकिन इसमें साढ़े तीन घंटे का समय लग गया। पार्वती के पति सुरेश ने मांग पत्र दिया, जिसमें किसान दुर्घटना बीमा के लाभ की मांग की गई। आश्वासन के बाद भीड़ हटी और आवागमन शुरू हो सका।
राहगीर हो गए परेशान, मारपीट पर उतारू थी भीड़
घंटों जाम की वजह से राहगीर परेशान हो गए। वहीं, कई लोग आगे बढ़ने की कोशिश किए तो भीड़ मारपीट पर उतारू हो गई। कई राहगीरों को थप्पड़ भी मारा गया। कुछ लोग पीछे मुड़कर दूसरे रास्ते से गंतव्य को गए तो वहीं ट्रकों की भी लंबी कतार लग गई थी।
ढाई घंटे फंसा रहा
सिकरीगंज जाना बेहद जरूरी है। कंपनी के काम से निकला हूं, वहां पर कुछ लोग इंतजार कर रहे हैं, लेकिन ढाई घंटे जाम में ही फंसे रहे गए। बहुत दिक्कत हुई है।
ऑटो में ही आराम करते रहे
गोरखपुर से सिकरीगंज जाने के लिए अपने ही ऑटो से परिवार के साथ निकला हूं। जितने देर से फंसे हैं, उतने में काम करके वापस भी चले गए होते। ऑटो में ही आराम करते रहे।