मुजफ्फरनगर: समाजवादी पार्टी के विधायक पंकज मलिक के खिलाफ गंभीर आरोप में पुलिस ने जिले के एक थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया,सपा विधायक और नेता पर यह मुकदमा थाने के ही एक उप निरीक्षक की जुबानी सूचना पर दर्ज कराया गया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस गुपचुप तरीके से जांच और कागजी कार्यवाही में जुटी हुई है।
समाजवादी पार्टी के चरथावल विधानसभा क्षेत्र से विधायक पंकज मलिक के पिता पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव हैं। वो वर्तमान में मुजफ्फरनगर संसदीय सीट पंर गठबंधन से सपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। उनके विधायक पुत्र पंकज मलिक भी उनके चुनाव प्रचार में जुटे हैं। हरेन्द्र मलिक का मुकाबला इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी केन्द्रीय मंत्री डा संजीव बालियान से ही माना जा रहा है।
पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राकेश शर्मा को भी लपेटा
विधायक पंकज मलिक के साथ पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राकेश शर्मा को भी इस मुकदमे में लपेटा गया है। दरोगा शैलेन्द्र कुमार गौड की जुबानी सूचना पर सिविल लाइन थाने में विधायक पंकज मलिक और सपा नेता राकेश शर्मा के खिलाफ निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर 18 मार्च को ही मुकदमा दर्ज कर लिया गया। मामले में एसएचओ ओमप्रकाश शर्मा ने थाने के एसआई सतेन्द्र सिंह ढिल्लो को मुकदमे की विवेचना भी सौंप दी, लेकिन इसकी थाना पुलिस या पुलिस अफसरों ने किसी को भी कानों कान खबर नहीं होने दी।
राकेश शर्मा का पिछले दिनों एसएसपी अभिषेक सिंह के साथ युवा ब्राह्मण नेता बिट्टू शर्मा की सड़क हादसे में मौत के कारण एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर विवाद हो गया था। हालांकि एसएसपी ने सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर इस विवाद को सुलझा लिया था, लेकिन अब राकेश शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के कारण इस विवाद को लेकर भी शक जाहिर किया जा रहा है। राकेश शर्मा शहर विधानसभा से बसपा के टिकट पर और उनकी पत्नी नगरपालिका चेयरमैन पद के लिए सपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। विधायक पंकज मलिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने को लेकर जब उनके पिता पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक ने कहा कि उनको ऐसे किसी मुकदमे की जानकारी नहीं है, अगर एफआईआर दर्ज हुई है तो वो अपने अधिवक्ता के सहारे इसके बारे में जानकारी जुटाने का काम करेंगे।
एसएचओ ओमप्रकाश ने इस सम्बंध में बताया कि विधायक पंकज मलिक और राकेश शर्मा राजनीतिक पार्टी से सम्बंध रखते हैं, उनको वहां नहीं जाना चाहिए था। शिक्षक नेताओं पर मुकदमा दर्ज नहीं होने के सवाल को वो टाल गये। गुपचुप कार्यवाही पर उन्होंने कहा कि मुकदमा दर्ज होने के अगले दिन ही हमने मीडिया के साथ यह जानकारी साझा कर दी थी। इसमें किसी भी प्रकार के सत्ता के दबाव से उन्होंने इंकार किया है।