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बुढ़ाना बवाल में ओवैसी कनेक्शन: AIMIM के युवा जिलाध्यक्ष और नगराध्यक्ष ने रची थी साज़िश

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बुढ़ाना बवाल और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM का कनेक्शन सामने आया है, जिसमें AIMIM के युवा जिलाध्यक्ष और नगराध्यक्ष द्वारा माहौल बिगाड़ने की साजिश रची गई थी।


मुजफ्फरनगर। बुढ़ाना में हुए बवाल में पुलिस ने असद्दूदीन ओवैसी के कनेक्शन का सनसनीखेज खुलासा किया है। पुलिस का दावा है कि असदुद्दीन की एआईएमआईएम पार्टी के युवा जिलाध्यक्ष और नगराध्यक्ष ने भीड़ को भड़काया था। इसके लिए बाकायदा पार्टी के बुढ़ाना विधानसभा व्हाट्सएप ग्रुप पर ऑडियो वायरल करके भीड़ को इकट्ठा किया गया और सौहार्द बिगाड़ने की साजिश रची गई। इस मामले में पुलिस ने कुल 19 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मुख्य साजिशकर्ता एआईएमआईएम के नगराध्यक्ष आजम भी शामिल हैं। आइए इसे विस्तार से समझते हैं…

 

साजिश की योजना

पुलिस की जांच में AIMIM के युवा जिलाध्यक्ष रमीज माविया उस्मानी और नगराध्यक्ष आजम के नाम सामने आए हैं, जो बुढ़ाना विधानसभा के व्हाट्सएप ग्रुप पर ऑडियो भेजकर भीड़ को भड़काने में शामिल थे। साजिश के तहत पार्टी के व्हाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल किया गया और अल्लाह के खिलाफ आपत्तिजनक कमेंट करने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी के बावजूद अफवाह फैलाई गई कि उसे छोड़ दिया गया है। इस अफवाह के बाद भीड़ ने विरोध किया और हिंसा शुरू हो गई।

 

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हिंसा और पत्थरबाज़ी

इस अफवाह से उत्तेजित भीड़ ने आरोपी अखिल त्यागी के घर और दुकान पर पथराव किया। पुलिस की माने तो इस हिंसा में नगराध्यक्ष आजम की मुख्य भूमिका रही। साथ ही पुलिस का दावा है कि इन्हीं लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए माहौल बिगाड़ने की साजिश रची थी।

 

मुख्य साजिशकर्ताओं का कनेक्शन

पूछताछ में यह भी सामने आया कि हसनैन नाम का एक साजिशकर्ता देवबंद से जुड़ा है और वहां की जामिया तिब्बिया का छात्र है। इस पूरी साजिश में वह भी सक्रिय रहा। पुलिस ने पाया कि उसने और अन्य साजिशकर्ताओं ने ऑडियो और अन्य सामग्री को मोबाइल से डिलीट कराने के लिए दोबारा मैसेज भी किए थे।

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सोशल मीडिया की भूमिका

पुलिस ने इस मामले में एक यूट्यूबर राशिद उर्फ गोल्डन जौला को भी गिरफ्तार किया है, जो ‘गोल्डन भारत’ नामक चैनल चलाता है। कहा जा रहा है कि यूट्यूबर के पोस्ट के बाद ही फेसबुक पर आपत्तिजनक कमेंट की प्रतिक्रिया शुरू हुई, जिससे हिंसा का माहौल बना।

 

पुलिस कार्रवाई

इस मामले में अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन रमीज माविया उस्मानी और तारिक अभी भी फरार हैं। पुलिस की जांच जारी है और इस संबंध में 700 अज्ञात लोगों पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है।

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बस में गई ‘बवालियों की बारात!’
बुढाना से मुजफ्फरनगर मुख्यालय तक अरेस्ट 19 बवालियों को पुलिस की गाडी से एक साथ पुलिस की गाड़ी से पहुंचना बेहद मुश्किल था। इसके लिए पुलिस को कई गाड़ियों की जरूरत पडती। जिस वजह से पुलिस ने इन आरोपियों को एक बस में सवार करके बारात की तरह मुजफ्फरनगर तक पहुंचाया।

 

क्या कहते हैं अधिकारी?
पुलिस लाइन में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि “पूरे मामले में कुल पांच लोग साजिशकर्ता रहे हैं, जिनमें दो सगे भाई शामिल हैं। एक भाई एआईएमआईएम का युवा जिलाध्यक्ष है, जबकि दूसरा नगराध्यक्ष है। मुख्य साजिशकर्ताओं में से तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि दो अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है। अभी बहुत से आरोपियों की गिरफ्तारी बाकी है। जैसे-जैसे जांच आगे बढेगी, वैसे-वैसे आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। इस दौरान एसपी देहात आदित्य बंसल भी मौजूद रहे।”

हंगामे की शुरुआत!

यह हंगामा 19 अक्टूबर को शुरू हुआ, जब एक व्यक्ति ने अल्लाह के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट किया। इससे नाराज़ होकर हजारों मुस्लिम सड़क पर उतर आए और अखिल त्यागी के घर और दुकान पर पथराव किया। पुलिस ने मामले को नियंत्रित करने के लिए पूरी रात काम किया। इस दौरान तीन मुकदमे दर्ज किए गए, जिनमें एक आरोपी अखिल त्यागी के खिलाफ भी था, जिसे पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

निष्कर्ष: इस घटना ने मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना क्षेत्र में बड़ा तनाव पैदा कर दिया। पुलिस मामले की तह तक पहुंचने के लिए गहराई से जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है।

 

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