वाराणसी जिले के कपसेठी थाना क्षेत्र की गर्भवती किशोरी से दुष्कर्म और अपहरण के आरोपी कोचिंग संचालक ने उसे नींद की दवा खिलाई थी। फिर, किशोरी के मुंह में पॉलिथीन भरकर हाथ से उसका मुंह-नाक दबाकर हत्या की थी।
आरोपी ने उगला सच
पुलिस की पूछताछ में कोचिंग संचालक ने बताया कि किशोरी की मौत की पुष्टि होने के बाद उसके शव को जमीन पर बैठे हुए मुद्रा में रख कर सिर और हाथ-पैर को दुपट्टे से बांध दिया था। इसके बाद जूट के बोरे में शव भरकर बाइक से सेवापुरी रेलवे स्टेशन ले जाकर बनारस-लखनऊ इंटरसिटी की जनरल बोगी के टॉयलेट के समीप रख दिया था। पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपी कोचिंग संचालक भिटकुरी बेसहूपुर निवासी संजय कुमार पटेल को अदालत में पेश किया। अदालत ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।
संजय ने पुलिस को बताया कि 19 फरवरी की दोपहर उसने किशोरी को विश्वास में लेकर अपने कोचिंग बुलाया। बातचीत के दौरान ही उसे नींद की दवा खिला दी। किशोरी की हत्या करने के बाद उसका शव बोरी में भरकर 19 फरवरी को कोचिंग में ही पड़ा रहने दिया। 20 फरवरी की सुबह वह अपनी बाइक पर पीछे बोरी बांध कर सेवापुरी स्टेशन गया। वहां बनारस से लखनऊ जा रही ट्रेन में किशोरी का शव रख दिया। उसे पूरा भरोसा था कि किशोरी का शव लखनऊ में उतारा जाएगा और उसकी पहचान नहीं हो पाएगी तो वह पकड़ा नहीं जाएगा।
19 फरवरी को घर से निकली थी किशोरी
11वीं कक्षा में पढ़ने वाली 16 वर्षीय किशोरी गत 19 फरवरी को अपने घर से निकली तो फिर उसका पता नहीं लगा। 20 फरवरी की रात किशोरी का हाथ-पैर बंधा शव बनारस रेलवे स्टेशन पर लखनऊ-बनारस इंटरसिटी ट्रेन की जनरल बोगी में टॉयलेट के समीप जूट की बोरी में मिला था। 21 फरवरी को किशोरी के शव की पहचान हुई और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि किशोरी गर्भवती थी और दम घुटने से उसकी मौत हुई थी।
कक्षा 9 से कोचिंग में पढ़ने जाती थी किशोरी
43 वर्षीय संजय ने बताया कि उसकी कोचिंग में वर्ष 2022 में किशोरी पढ़ने आई थी। उस दौरान वह कक्षा 9 की छात्रा थी। वर्ष 2023 में कक्षा 10 में भी किशोरी उसकी कोचिंग में पढ़ने लगी तो उसका लगाव उसके प्रति बढ़ने लगा। नवंबर में किशोरी ने उसे बताया कि वह गर्भवती हो गई है। इस पर उसने किशोरी को गर्भपात कराने को कहा तो वह बदनामी के डर से अस्पताल जाने से मना करने लगी। इस पर उसने किशोरी को रास्ते से हटाने की योजना बनाई।
कॉल लॉग मिटाने और भाग जाने के चलते गहराया शक
किशोरी की हत्या और शव ठिकाने लगाने के बाद भी आरोपी अपने घर पर ही था। पुलिस ने किशोरी की मां के मोबाइल का कॉल डिटेल रिकॉर्ड खंगाला तो पता लगा कि 19 फरवरी को संजय फोन किया था। संजय को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया तो उसने अपने मोबाइल का 19 फरवरी का कॉल लॉग डिलीट कर दिया था। इससे उस पर पुलिस का शक गहराया। पुलिस की पूछताछ से संजय छूटा तो घर छोड़ कर भाग गया। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से बृहस्पतिवार को गहरपुर के समीप से संजय को हिरासत में लिया।
पुलिस टीम को 25 हजार का इनाम
एडीसीपी गोमती जोन आकाश पटेल ने बताया कि कपसेठी थानाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह, एसओजी प्रभारी मनीष कुमार मिश्रा और सर्विलांस प्रभारी इंस्पेक्टर दिनेश कुमार यादव के नेतृत्व में दरोगा गौरव कुमार सिंह, विनोद विश्वकर्मा, जगदंबा सिंह व अमित कुमार यादव की टीम ने आरोपी संजय को गिरफ्तार किया है। पुलिस टीम को 25 हजार रुपये का पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र दिया गया है।
पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट, फांसी की सजा मिले
किशोरी के परिजन भी आरोपी कोचिंग संचालक संजय की गिरफ्तारी के खुलासे के दौरान पुलिस लाइन पहुंचे थे। किशोरी के पिता ने पुलिस की कार्रवाई पर संतुष्टि जताई। उन्होंने कहा कि पुलिस अदालत में प्रभावी तरीके से पैरवी कर संजय कुमार पटेल को जल्द फांसी की सजा दिलाए।