मिलक। सिलईबड़ा गांव प्रकरण में पुलिस ने पहली गिरफ्तारी की है। पुलिस तहसीलदार की सुरक्षा में लगे होमगार्ड पातीराम को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि होमगार्ड की गोली से ही छात्र सुमेश की मौत हो गई थी,जबकि दो अन्य घायल हो गए थे। पुलिस ने फिलहाल आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस की जांच अभी जारी है।
कोतवाली क्षेत्र के सिलईबड़ा गांव में ग्राम समाज की जमीन से हटाए गए कब्जे वाली जमीन पर दलित समाज द्वारा आंबेडकर पार्क का बोर्ड लगाने को लेकर 27 फरवरी को उस वक्त बवाल हो गया था। जब पुलिस व प्रशासनिक अफसर कब्जा हटवाने पहुंचे थे। इस दौरान एक पक्ष की ओर से पथराव किया गया था, जिस पर दूसरी ओर से गोली चली थी। गोली लगने से दसवीं के छात्र सुमेश की मौत हो गई थी। जबकि दो लोग अन्य घायल हो गए थे। घटना के बाद जमकर हंगामा हुआ था। मौके पर पहुंचे कमिश्नर आंजनेय कुमार ने स्थिति को संभाला था। साथ ही डीएम-एसपी ने भी लोगों को किसी तरह शांत किया था। इसको लेकर सियासत भी खूब गर्माई थी। इस मामले में मृतक के पिता गेंदनलाल की ओर से 25 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें तहसीलदार के हमराह होमगार्ड समेत छह पुलिस कर्मी भी शामिल थे। परिजनों का आरोप था कि पुलिस की गोली से उनके बेटे की मौत हुई। बाद में एसपी एसआईटी गठित कर दी थी। एसआईटी की जांच अभी चल रही है। इस बीच पुलिस ने साक्ष्य के आधार पर तहसीलदार की सुरक्षा में तैनात होमगार्ड पातीराम को गिरफ्तार कर लिया। एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि जांच में पातीराम की भूमिका पाई गई है, जिस पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले की जांच अभी चल रही है।