मुजफ्फरनगर। जमीन की डोल काटने को लेकर की गई चाचा-भतीजे की हत्या में कोर्ट ने आरोपित पति-पत्नी और बेटे को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने तीनों पर 15-15 हजार का अर्थदंड भी लगाया है।
जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव शर्मा और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अरुण शर्मा ने बताया कि 2022 में जानसठ के गांव अहरोड़ा में चाचा-भतीजे की हत्या कर दी थी। गांव अहरोड़ा निवासी भारत दीक्षित ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया कि 30 अप्रैल 2022 को वह भाई नकुल के साथ खेतों पर बने देवताओं पर प्रसाद चढाने गए थे।
ये था मामला
आरोप था कि सुबह 10.30 बजे जगेश पुत्र हरिकिशन हाथ में बंदूक और सोनू पुत्र जगेश तमंचा तथा कविता पत्नी जगेश निवासी अहरोड़ा हाथ में दांव और पांच-छह अन्य व्यक्ति लाठी डंडे वहां पहुंचे, जहां सभी ने यह कहते हुए कि उनकी जमीन की डोल काटते हो। आज तुम्हें काट देंगे। इतना कहते हुए फायर कर दिया, जिसमें गोली लगने से नकुल की मौत हो गई थी, जबकि बचाने आए चाचा शिवशंकर को लाठी-डंडो मारकर घायल कर दिया। इसके बाद उनकी भी मौत हो गई।
आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा
बताया कि पुलिस ने तीनों आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव शर्मा और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अरुण शर्मा ने बताया कि घटना के मुकदमे की सुनवाई एडीजे-3 गोपाल उपाध्याय की कोर्ट में हुई। कोर्ट ने दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद तीनों जगेश, सोनू और कविता निवासी अहरोड़ा को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। तीनों पर 15-15 हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है।