मुजफ्फरनगर। रामपुर तिराहा कांड में पीड़ितों से हथियारों की फर्जी बरामदगी के मामले में सीबीआई की ओर से बहस पूरी हो गई है। अब बचाव पक्ष बहस करेगा। सिविल जज सीनियर डिवीजन मयंक जायसवाल ने अगली सुनवाई के लिए दो अप्रैल नियत की है।
उत्तराखंड संघर्ष समिति के अधिवक्ता अनुराग वर्मा और सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक धारा सिंह मीणा ने बताया कि सिविल जज सीनियर डिजीवन की अदालत में सीबीआई बनाम बृज किशोर की पत्रावली की सुनवाई हुई। आरोपी अनिल कुमार पेश हुए, जबकि आरोपी बृज किशोर और उमेश चंद शर्मा की ओर से हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र दिया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से बहस पूरी हो गई है। अब बचाव पक्ष अपनी बहस करेगा। इस पत्रावली में सीबीआई की जांच में सामने आया था कि पुलिस ने पीड़ितों पर फर्जी बरामदगी का केस दर्ज किया था। शामली के झिंझाना थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर रहे बृज किशोर मुख्य आरोपी हैं।
क्या था मामला
एक अक्तूबर 1994 को अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे। देर रात रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया था। पुलिस की फायरिंग में सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। सीबीआई ने जांच की। अलग-अलग मामले की सुनवाई अदालत में चल रही है।