मुजफ्फरनगर। शाहपुर थाना क्षेत्र के सोरम गांव में किशोर की हत्या के मामले में दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय संख्या-9 के पीठासीन अधिकारी कनिष्क कुमार सिंह ने फैसला सुनाया।
सहायक शासकीय अधिवक्ता रेणू शर्मा और सहदेव सिंह ने बताया कि साेरम गांव में नौ सितंबर 2013 को अंकुर (17) को पड़ोसी अजीत ताश खेलने के लिए घर से बुलाकर ले गया था। इसके बाद अंकुर घर नहीं लौटा। इधर-उधर तलाश के बाद अंकुर के पिता वीरसेन ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने अंकुर का शव बरामद किया, उसकी धारदार हथियार से काटकर हत्या की गई थी। पुलिस ने अजीत समेत दो आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
प्रकरण की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायालय संख्या-9 के पीठासीन अधिकारी कनिष्क कुमार सिंह ने की। अभियोजन पक्ष की ओर से आठ गवाह पेश किए गए। दोषी अजीत को आजीवन कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। दूसरे आरोपी के नाबालिग होने पर उसकी पत्रावली अलग कर दी गई थी, जिसे पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है।
दंगे के दौरान तंत्र-मंत्र बताई थी वजह
अंकुर की हत्या दंगे के दौरान हुई थी। पहले तंत्र-मंत्र वजह बताई गई, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी। इसके बाद यह भी शोर मचा था कि दंगे में हत्या हुई है, लेकिन पुलिस जांच में दंगे के दौरान हत्या का मामला साबित नहीं हो सका था।