Muzaffarnagar:श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर में संत शिरोमणि आचार्य विद्या सागर जी महाराज को विनयांजलि दी
मुजफ्फरनगर। श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर चौड़ी गली नई मंडी में आचार्य विद्या सागर जी महाराज की विनयांजलि सभा में जैन समाज के लोग शामिल हुए। संत शिरोमणि को विनयांजलि दी।
मंदिर अध्यक्ष अमित कुमार जैन ने बताया कि राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी में जैन आचार्य विद्यासागर महाराज ने 18 फरवरी 2024 को रात्रि में समाधि ली। दिगंबर मुनि परंपरा के आचार्य विद्यासागर महाराज ने छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरि तीर्थ में पूर्ण जागृतावस्था में उन्होंने आचार्य पद का त्याग करते हुए तीन दिन का उपवास लिया था और अखंड मौन धारण कर लिया था, जिसके बाद उन्होंने प्राण त्याग दिए। आचार्य विद्यासागर महाराज एक अत्यंत श्रद्धेय दिगंबर जैन आचार्य हैं जो अपनी असाधारण विद्वता, गहन आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि और तपस्या और अनुशासन के जीवन के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए पहचाने जाते थे।
दस अक्तूबर 1946 को कर्नाटक के सदलगा में जन्मे, उन्होंने छोटी उम्र से ही आध्यात्मिकता को अपना लिया। मंदिर में उपस्थित मधुबन जैन शास्त्री व प्रदुमन जैन शास्त्री ने बताया कि आचार्य विद्यासागर महाराज जैन शास्त्रों और दर्शन के अध्ययन और अभ्यास में गहराई से डूबे हुए थे। संस्कृत, प्राकृत और कई आधुनिक भाषाओं में उनकी महारत ने उन्हें कई व्यावहारिक कविताएं और आध्यात्मिक ग्रंथ लिखने में सक्षम बनाया था। मंदिर कोषाध्यक्ष नवीन जैन, अभय जैन ने कहा कि आचार्य विद्यासागर कई धार्मिक कार्यों में लोगों के लिए प्रेरणास्रोत भी रहे थे।
आचार्य श्री विद्या सागर जी महाराज को मंदिर में उपस्थित सभी ने विनयांजलि देते हुए गहरा दु:ख प्रकट करते हुए अपने अपने भाव रखे। सिद्धांत जैन, मुकेश जैन, अश्वनी जैन, सुधात्म जैन, ऋषभ जैन, मनोज जैन सराफ, रविन्द्र जैन आदि रहे।