हिंदू मोहल्ले में मुस्लिमों की ‘नो एंट्री’, लैंड जिहाद के आरोप, मरने-मारने और घर तोडकर धर्मशाला बनाने की चेतावनी, जानिए क्या है पूरा मामला
नेम प्लेट विवाद के बाद यूपी का मुजफ्फरनगर जिला एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार शहर की हिंदू बाहुल्य भरतिया कॉलोनी में मुस्लिम द्वारा मकान खरीदने को लेकर विवाद हो रहा है. मोहल्ले के लोग हिंदू कॉलोनी में मुस्लिम की एंट्री का विरोध कर रहे हैं. दंगा फैलाने, हथियार रखने, लैंड जिहाद और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों जैसे तमाम संगीन आरोप लगाए रहे हैं. मरने-मारने, पलायन और मकान को धर्मशाला बनाने जैसी धमकियां तथा चेतावनी दी जा रही है. ‘द एक्स इंडिया’ की इस स्पेशल रिपोर्ट में जानिए क्या है हिंदुओं के आरोप? क्यों बरपा है इतना हंगामा? क्या कहते हैं मुस्लिम खरीददार और घर में रहने वाले मुस्लिम लोग? हिंदूवादी नेताओं ने बिजली विभाग के दफ्तर पर क्यों किया हंगामा और पूरे मामले में क्यों है पुलिस खामोश? इस रिपोर्ट में आपको इन सभी सवालों के जवाब मिलेंगे…
- रिपोर्टः अमित सैनी, प्रधान संपादक | Amit Kr Saini
“मुस्लिम यहां दंगा फैलाने आए हैं. ये लोग मुस्लिम है. कोई हिंदू होता तो हमने कोई परेशानी नहीं होती. क्योंकि ये लोग किसी के भी नहीं हुए. ये लोग दंगा फैलाने में सबसे आगे होते है. हथियार वगैरह… औजार वगैरह इनके पास होते हैं. ये छोटे से मकान में भी 50 से ज्यादा लोग रह सकते हैं. ये जो षड्यंत्र रचते हैं, वो हिंदू के प्रति रचते हैं. हम चाहे मर जाए, कट जाए, लेकिन हम इन्हें यहां रहने नहीं देंगे. हम विरोध करेंगे. निकलना बंद कर देंगे इनका. हम चाहे कितने ही लोग मर जाए, लेकिन हम इन्हें यहां रहने नहीं देंगे. हमारा ये ही प्लान रहेगा कि हम इन्हें यहां से निकालकर बाहर फेंक दें. चाहे कैसे भी करना हो.”
ये आग उगलती बातें मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) की हिंदू बाहुल्य भरतिया कॉलोनी (Bhartiya Colony) की रहने वाली कविता रानी की है. इस मोहल्ले में करीब 800 हिंदू परिवार (Hindu Family) निवास करते हैं. एक भी परिवार मुस्लिम (Muslim Famaliy) नहीं है. करीब तीन-चार महीने पहले एडवोकेट राव नदीम (Avocate Nadeem Rao) ने इसी मोहल्ले में एक घर खरीदा. लेकिन जैसे ही मोहल्ले वालों को इस बात की जानकारी हुई उन्होंने इसका विरोध करना शुरू किया.
#मुज़फ़्फ़रनगर की हिंदू बाहुल्य भरतिया कॉलोनी में ‘मुस्लिम की एंट्री’ पर बवाल
◆ मोहल्ले के हिंदुओं ने जमकर किया हंगामे के बाद घोर विरोध
◆ मुस्लिम समाज के नदीम ने बैंक की नीलामी में छुड़ाया था मकान
◆ मोहल्ले वालों ने जताई घोर आपत्ति, ‘आपत्तिजनक गतिविधियों’ का आरोप लगाते हुए… pic.twitter.com/nMx92FjoM4
— The X India (@thexindia) September 10, 2024
गैर कानूनी गतिविधियों का आरोप
मोहल्ले के लोगों का आरोप है कि ‘पिछले कई दिनों से इस मकान में मुस्लिमों का आना-जाना शुरू हो गया. घर के अंदर महिलाओं समेत 30-40 लोग गुपचुप तरीके से रहने लगे. नमाज अदा भी अंदर ही की जा रही थी.’
स्थानीय निवासी वैभव कहते हैं,
“नदीम नामक व्यक्ति को गैर कानूनी तरीके से मकान बेचा गया है. इसे मस्जिद बनाने की कोशिश की जा रही है. इससे यहां रोज दंगा भड़कने की उम्मीद है. ये एक हिंदू बाहुल्य कॉलोनी है. इनकी वजह से हमे यहां से पलायन करना पडेगा.”
घर में घुसी भीड, जमकर किया हंगामा
पिछले कई दिनों से हो रही सरसराहट ने शनिवार 7 सितंबर की रात को विकराल रूप धारण कर लिया. शिव सेना के जिलाध्यक्ष बिट्टू सिखेडा की अगुवाई में लोगों की भीड मकान के अंदर दाखिल हो गई.
दावा है कि ‘उस वक्त घर के अंदर करीब 10-15 मुस्लिम लोग मौजूद थे. घर के अंदर ही ऑल इंडिया आवाज-ए-हिंद पार्टी और मजदूर किसान यूनियन पार्टी के संयुक्त बैनर-पोस्टर लगे हुए थे.’
हंगामे की सूचना पर नई मंडी कोतवाली पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और समझा-बुझाकर मामला शांत कराया. उसी वक्त घर के अंदर मौजूद मुस्लिम महिलाएं, बच्चे और पुरुष वहां से चले गए और बाहर ताला लटका दिया गया.
विदेश से फंडिंग और लैंड जिहाद का आरोप
बिट्टू सिखेडा कहते हैं, “शुक्रवार को इस घर में कई मुस्लिम लोगों के रहने और नमाज पढने की जानकारी मिली. हम इस बात का विरोध करते हैं. ”
वो कहते है, “किसी भी हिंदू बाहुल्य आबादी की हालत देख लो, जहां मुस्लिमों के आने के बाद हिंदुओं का वहां से जाना पडा. रामपुरम हो या अंबा विहार हो या फिर योगेंद्र पुरी… सभी जगह एक-एक मुसलमान आया था. आज वो इलाके हिंदुओं से खाली हो गए.”
बिट्टू चेतावनी देते हुए बताते हैं, “ये बिल्कुल बर्दाश्त से बाहर है. बाहर से फंडिंग की जा रही है. विदेश से पैसा आ रहा है. हिंदू मोहल्लों में जाओ, वहां बसो और फिर लैंड जिहाद (Land Jihad) बढ़ाओ. इसी तरह से इंदिरा कॉलोनी में भी ऐसे ही हुआ था. वो भी वापस कराया गया. हम प्रशासन से कहना चाहते हैं कि इस व्यक्ति को बहुत जल्द यहां से निकाल दिया जाए, वरना इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.”
महिलाएं बोली, “हम तो मजदूर हैं”
वहीं, घर के अंदर मौजूद समा प्रवीन और शायरा कहती हैं, “हम लोग मजदूर हैं. किराए पर रहते थे. लेकिन जिन्होंने ये मकान खरीदा है, उन्होंने हमें मजदूरी के लिए बोला और यहीं पर रहकर हम मजदूरी कर रहे हैं. यहां पर मिस्त्री वगैरह काम करते हैं. उसके बाद हम सफाई आदि करते हैं.”
राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की आशंका?
हालांकि सभासद विपुल जैन, व्यापारी नेता संजय मित्तल और अन्य कई हिंदूवादी नेताओं ने आशंका जताते हुए कि “कहीं ना कहीं यहां पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि हमें जो भी लडाई लडनी पडे, हम तैयार है, लेकिन ये सब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”
बिजली का मीटर लगते ही आग बबूला हुए लोग
शनिवार रात को हंगामा हुआ और रविवार की सुबह करीब 7 बजे बिजली विभाग की टीम कथित विवादित मकान पर मीटर लगाने पहुंच गई. मोहल्ले वासियों के विरोध के बाद भी देखते ही देखते टीम ने बिजली का मीटर लगा दिया. मोहल्ले के लोगों का आरोप है कि अभी तक इस घर में चोरी की बिजली से काम चलाया जा रहा था.
घर के अंदर 35 लोग, चल रहा है संगठन
रविवार को मोहल्ले के लोगों ने घर के बाहर खड़े होकर जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान कॉलोनी वासी अरविंद शर्मा ने कहा, “यहां पर सभी वर्ग के लोग रहते हैं. लेकिन ये अकेला मुस्लिम समुदाय का मकान है. जो गलत तरीके से खरीदा गया है. ये हिंदू बाहुल्य इलाका है और इस मकान में मुस्लिम गतिविधियां की जा रही है. हम यहां अलग समुदाय के लोग रहने नहीं देंगे. हम पलायन करेंगे. जो हमे करना होगा, हम वो करेंगे, लेकिन इन्हें यहां रहने नहीं देंगे.”
वो कहते हैं, “इस घर के अंदर किसी तरह का संगठन बनाकर काम किया जा रहा है. घर के अंदर ही नमाज भी पढ़ाई जा रही है. इसमें करीब 35 लोग सफाई आदि करने के बहाने रह रहे हैं.”
अरविंद आगे कहते हैं, “हमें इस बात की दिक्कत है, क्योंकि ये मुस्लिम समुदाय से है. हम लोग इन्हें सह लेंगे, लेकिन ये नहीं सहेंगे. कल को उनकी जनसंख्या बढ़ेगी, हमें दिक्कत करेंगे. लेकिन हम उससे पहले ही पलायन करेंगे. हम ये बिल्कुल नहीं सहेंगे कि मुस्लिम समुदाय का कोई यहां पर रहे.”
रामपुरम, योगेंद्र पुरी और अंबा विहार जैसे हो जाएंगे हालात?
विनय बिंदल कहते हैं, “घर के अंदर आवाम-ए-हिंद के नाम से संगठन चलाया जा रहा है. रात कुछ गतिविधियां देखी गई हैं. ये हिंदू बाहुल्य इलाका है. हम चाहते है कि यहां पर कोई मुस्लिम ना रहें.
वो कहते है, “रामपुरम, योगेंद्र पुरी और अंबा विहार पहले हिंदू बाहुल्य इलाके ही थे. अब धीरे-धीरे वहां पर मुस्लिमों की आबादी बढ़ गई है. इसी तरह से यहां पर भी ये ही हालात पैदा हो जाएंगे. हम चाहते हैं कि यहां पर बिल्कुल भी कोई मुस्लिम ना रहें. हमारी पुलिस और प्रशासन से भी ये ही मांग है.”
विनय आगे कहते हैं, “हम धरना-प्रदर्शन के जरिए विरोध करेंगे, लेकिन हम इन्हें यहां रहने नहीं देंगे. अगर ये नहीं जाते हैं तो हम यहां से चले जाएंगे. पूरे मोहल्ले को यहां से जाना पड़ेगा.”
ऐसे हुई हिंदू बस्ती में ‘मुस्लिम की एंट्री’!
ये घर वाल्मीकि समाज से ताल्लुक रखने वाले अशोक भारती से नदीम राव ने बैंक का करीब 80 लाख रुपये लोन रिकवरी अदा करने के बाद खरीदा. बाकी करीब 20 लाख रुपये अशोक को अदा किए गए. ये घर अशोक भारती की बीवी लक्ष्मी के नाम पर था. जिस पर मोटा कर्ज लिया गया था.
कर्ज चुकता ना करने पाने की वजह से बैंक ने नीलामी का नोटिस भी चस्पा कर दिया, लेकिन उससे पहले ही अशोक ने नदीम को ये घर बेच दिया.
क्या कहते हैं मकान विक्रेता अशोक भारती?
नदीम को घर बेचने वाले अशोक भारती कहते हैं,
“हिंदू कॉलोनियों में बहुत से मुस्लिम लोग रहते हैं, क्या सबको वहां से निकलवा देना चाहिए? कुछ लोग मेरा मकान हथियाना चाह रहे थे. मुझ पर बैंक का मोटा लोन था. मैं 5 साल से बहुत परेशान था. मोहल्ले के लोगों के सामने हाथ-पैर जोडे और अपना मकान खरीदने को कहा, लेकिन तैयार नहीं हुआ.”
वो आगे कहते हैं, “मैंने बीजेपी के एक बड़े के पैर भी पकडे. लेकिन कोई नहीं माना. मैंने नदीम को 25 जून को अपना मकान बेच दिया था. वहां के लोगों को इससे नाराज हैं. मेरे खिलाफत करने वाले लोग पब्लिक को भड़काकर ये सब करा रहे हैं.”
वो आरोप लगाते है, “हजारों लोगों को मकान दिखाया. कोई भी लेने के लिए तैयार नहीं होता था. कहते थे कि यहां पर तो छोटी कोम रहती है.”
सरकार और कानून अंधे हैं क्या?
पूर्व बीजेपी नेता एवं हिंदूवादी नेता धर्मवीर सिंह बालियान की चेतावनी पर अशोक भारती कहते हैं, “किसी के मकान में कैसे कोई भी धर्मशाला बना देगा? कानून नाम की कोई चीज नहीं है क्या देश में? सरकार और कानून क्या अंधी है, जो किसी का भी मकान तोडकर ऐसे कोई भी धर्मशाला बना देगा?”
बडी पंचायत कर मकान को धर्मशाला बनाने की चेतावनी
पूरे प्रकरण में अहम भूमिका निभाने वाले हिंदूवादी नेता धर्मवीर बालियान ने रविवार को नई मंडी कोतवाली में खुलेआम चेतावनी दी थी.
उन्होंने कहा था,
“दो दिन के अंदर अगर इसका निपटारा किया जाता है तो ठीक है, लेकिन ये वहां पर रहने या दफ्तर चलाने की कोशिश करते हैं या खुद रखते है तो हम उसमें धर्मशाला बनवा देंगे. वहीं पर बडी पंचायत करेंगे. सभी हिंदू संगठन इसके लिए तैयार है.”
बिजली विभाग के चीफ के दफ्तर पर हंगामा
विवादित मकान में बिजली की चोरी और रविवार के दिन बडे ही नाटकीय ढंग से मीटर लगाए जाने के संबंध में मंगलवार को भारी संख्या में टाउन हॉल स्थित पीवीवीएनएल के चीफ पवन अग्रवाल के दफ्तर पर हिंदूवादी नेताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान हंगामे के भी हालात पैदा हो गए. दबाव बनाया गया कि मामले में बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज हो.
साथ ही इस मामले में सीडीओ और जेई के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई कि रात में इतना बड़ा हंगामा होने के बाद सुबह 7 बजे कैसे और किस नियम के तहत रविवार की छुट्टी में बिजली का मीटर लगवाया गया. इसमें हिंदूवादी नेताओं ने सीडीओ और जेई पर कथित आरोपित नदीम से सांठगांठ का आरोप लगाया.
बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज, विभागीय जांच शुरू
बिजली विभाग के चीफ पवन अग्रवाल बताते है, “बिजली चोरी की एफआईआर दर्ज की गई है. इसमें विभागीय जांच भी कराई जा रही है. जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके मुताबिक आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने आगे बताया, अभी बिजली चोरी की एफआईआर दर्ज की गई है. जिस संविदा कर्मी ने मीटर लगाया है, उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है.”
सामने आए खरीदार नदीम राव एडवोकेट
पिछले कई दिनों से चल रहे विवाद के बीच एक बार भी आरोपित नदीम राव सामने नहीं आए. द एक्स इंडिया के संपादक अमित सैनी ने इस संबंध में नदीम राव से संपर्क साधा और पूरे प्रकरण के बारे में बातचीत की. जिस पर नदीम राव ने अपना पक्ष रखा.
नदीम राव बताते हैं, “वो ऑल इंडिया आवाम-ए-हिंद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष है और प्रॉपर्टी ले-बेच का कार्य भी करते हैं. कुछ महीनों पहले अशोक भारती ने मिलकर अपनी पीडा बताई थी. जिसके बाद बैंक का करीब 80 लाख रुपये का लोन अदा करने और बाकी रकम अशोक को देने के बाद ये मकान खरीदा था.”
निराधार और बेबुनियाद बताए आरोप
नदीम राव ने लगाए जा रहे सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा, “मकान में किसी प्रकार की कोई गलत अथवा गैर कानूनी गतिविधियां नहीं की गई और ना ही वहां पर कोई 30-35 मुस्लिम लोग रहते हैं.”
वो बताते हैं, “मकान के अंदर तीन-चार मजदूर रह रहे थे. उनके साथ दो महिला मजदूर भी रह रही थी. जो मजदूरी के साथ-साथ उनका खाना भी बना दिया करती थी.”
नदीम कहते है, “उनका मकसद मकान में रहना नहीं था. केवल उसे बेचने के मकसद से ही खरीदा गया था. अशोक भारती से वो मकान कोई खरीद नहीं रहा था. मैंने मकान खरीदकर उसे सही कराया. इसमें बहुत काम हुआ.”
घाटे में बेच दिया गया मकान!
नदीम राव ये भी दावा करते है,
“पिछले कई दिनों से चल रहे विवाद की वजह से उन्होंने ये मकान घाटे में बेच दिया है. वो बताते है, हमारी पार्टी का मकसद सद्भावना बनाए रखना है, बिगाड़ना नहीं. अगर मकान को लेकर किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचती है तो वो फिर गलत है, इसलिए उसे हमने 10-12 लाख रुपये के घाटे से दीपचंद नामक हिंदू को बेच दिया है.”
पुलिस खामोश, कोई प्रतिक्रिया नहीं
इतना हो-हल्ला, हंगामा, धमकी और चेतावनियां के बाद भी प्रशासन पूरी तरह से इस मामले में खामोश है. खासकर, पुलिस की तरफ से इस मामले में कोई स्टेटमेंट जारी नहीं किया है.
इस मामले में सीओ नई मंडी रूपाली रॉय चौधरी, एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापति और एसएसपी अभिषेक सिंह तक से पूरे मामले में वर्जन जानने की कोशिश की गई, लेकिन स्पष्ट तौर से मना कर दिया गया.
माना जा रहा है कि कांवड यात्रा के दौरान उठे नेम प्लेट विवाद में अपने स्टेटमेंट को लेकर एसएसपी की अच्छी-खासा फजीहत हुई थी. इसी वजह से इस तरह के मामलों में पुलिस अब कुछ भी बोलने से बच रही है.