उत्तर प्रदेश के आगरा में बोदला मार्ग पर 10 हजार वर्ग जमीन पर कब्जे के लिए पांच निर्दोष लोगों को जेल भेजने के मामले में सिर्फ जांच पर जांच हो रही है। दो महीने बाद लूटा गया सामान तो बरामद किया गया, लेकिन पीड़ित परिवार से शराब और गांजे की फर्जी बरामदगी में शामिल पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। एसआईटी की विवेचना में भी पुलिसकर्मियों का कोई दोष सिद्ध नहीं किया जा सका है।
बोदला में जमीन पर कब्जे का प्रकरण काफी चर्चा में रहा था। केयरटेकर रवि कुशवाहा सहित उसके परिवार के पांच लोगों को जेल भेजा गया था। दो फर्जी मुकदमे दर्ज किए गए थे। रवि कुशवाह सहित तीन से गांजा बरामद किया गया था। उसकी पत्नी और बहन से शराब बरामद दिखाकर जेल भेजा गया था। गांजा बरामदगी के मुकदमे में पुलिस वादी बनी थी, जबकि शराब बरामदगी का मुकदमा आबकारी निरीक्षक ने दर्ज कराया था। दोनों की फर्द में अन्य पुलिसकर्मी भी शामिल थे।
मामले में थाना जगदीशपुरा के तत्कालीन एसओ जितेंद्र कुमार, बिल्डर कमल चौधरी और उसके बेटे धीरू चौधरी को नामजद और अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। एसओ को जेल भेजा गया था। बिल्डर पिता-पुत्र को हाईकोर्ट से गिरफ्तारी से स्टे मिल गया। दो दिन पहले पुलिस ने एक आरोपी किशोर बघेल से पूछताछ के बाद प्लॉट से लूटा गया घर का सामान बरामद किया था। मगर, सवाल अब भी बाकी हैं।
सवाल दर सवाल
फर्जी मुकदमे लिखाने में सिर्फ एसओ को जेल हुई। अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका पर सवाल उठे थे। उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
पीडि़त परिवार पर फर्जी मुकदमे लिखने के लिए शराब कहां से आई थी? गांजा कौन लेकर आया था? इस पर क्या कार्रवाई हुई?
जमीन का मालिक टहल सिंह को बताया गया। उनकी बहू उमा देवी ने मुकदमा दर्ज कराया। क्या टहल सिंह जिंदा हैं? उमा देवी का जमीन पर हक है या नहीं?
एसआईटी का गठन किया गया था। दो महीने की विवेचना में क्या हुआ? तहसील से जमीन के संबंध में जानकारी मांगी थी। उसमें क्या हुआ?
पुलिस ने बढ़ाई माल बरामदगी की धारा
जमीन पर कब्जे के बाद केयरटेकर के घर के सामान को आरोपी ट्रैक्टर-ट्रॉली में रखकर ले गए थे। इस पर मुकदमे में डकैती की भी धारा लगी थी। माल बरामदगी के लिए पुलिस प्रयास में लगी थी। शुक्रवार को पुलिस ने किशोर बघेल से पूछताछ के बाद एक प्लॉट से घर से लूटा गया सामान बरामद किया था। थाना प्रभारी निरीक्षक आनंद वीर सिंह ने बताया कि मुकदमे में माल बरामदगी की धारा 411 को बढ़ा दिया गया है। इससे आरोपियों की मुश्किल बढ़ेगी। यह सामान आरोपी के कब्जे वाले प्लॉट से ही मिला था।