कानपुर के घाटमपुर थाना क्षेत्र में पतारा कस्बे के कबरई रोड हाईवे पर स्टेशन रोड के सामने रोड पार कर रहे साइकिल सवार पॉलिटेक्निक। तीन छात्रों को अनियंत्रित रोडवेज बस ने कुचल दिया। तीनों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। इसके बाद बस खाई में घुस गई। सूचना पर पहुंचे परिजनों व ग्रामीणों ने हाईवे पर बल्लियां डालकर जाम लगा दिया। जाम की सूचना पर एडीएम राजस्व, एसडीएम, एसीपी व थाना प्रभारी घंटों लोगों को समझाने का प्रयास करते रहे। करीब साढ़े छह घंटे तक कानपुर-सागर मार्ग जाम रहा।
क्षेत्र के कुंवरपुर निवासी दीपक तिवारी (22) पुत्र रिंकू तिवारी, मनीष कुमार (21) पुत्र राजेश कुमार सविता तथा अंकुश प्रजापति (20) पुत्र रामबाबू प्रजापति शुक्रवार की सुबह घर से एक साथ दो साइकिलों से हमीरपुर जनपद के भरुआ सुमेरपुर स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज जाने के लिए रेलवे स्टेशन पतारा जा रहे थे। जैसे ही कबरई रोड हाइवे पर रेलवे स्टेशन रोड के सामने रोड पार कर रहे थे तभी कानपुर से घाटमपुर की ओर जा रही हमीरपुर डिपो की बेकाबू रोडवेज बस हाईवे पर स्थित पुलिया की रेलिंग तोड़कर साइकिल सवार छात्रों को रौंदते हाईवे के दूसरे छोर दूर खाईं में घुस गई।
इससे तीनों छात्रों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। हादसा होते ही बस चालक व परिचालक दोनों घटनास्थल से बस छोड़कर फरार हो गए। हादसे से उग्र परिजनों एवं ग्रामीणों ने बस चालक को पकड़ने के साथ उच्चाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के मौके पर आने की जिद पर हाइवे पर बल्लियां डाल कर जाम लगा दिया। सूचना पर एडीएम राजस्व रिंकी जायसवाल, एसडीएम यादवेंद्र सिंह, एसीपी घाटमपुर रंजीत कुमार के साथ इंस्पेक्टर पीके सिंह भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।
तीनों छात्रों के शव लेकर रोड पर रख दिए
पुलिस और अधिकारियों ने परिजनों व ग्रामीणों को काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन हादसे से उग्र भीड़ जिलाधिकारी वजनप्रतिनिधियों के आने तक रोड जाम लगाने की जिद पर अड़ी रही। इसके बाद ग्रामीण व परिजनों ने सीएचसी से तीनों छात्रों के शव लेकर रोड पर रख दिए। करीब साढ़े छह घंटे बाद एडीएम राजस्व के मुआवजा व अन्य लाभ दिए जाने के आश्वासन देने के बाद जाम खुला। इस दौरान एडीसीपी अंकिता शर्मा भी पहुंची। इधर कई घंटे जाम लगने से दोनो ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं।
टूट गया बेटों के कंधों के सहारे का सपना
सड़क हादसे में जान गंवाने वाले छात्रों के परिजनों की माली हालत बहुत अच्छी नहीं हैं। सभी के पिता खेती किसानी करते हैं। मेहनत करके बेटों को पढ़ा लिखाकर उनका भविष्य बनाना चाहते थे ताकि उनके मजबूत कंधों के सहारे जीवन यापन कर सकें। एक हादसे ने उनके इन सपनों को चूर कर दिया। दीपक के पिता रिंकू उर्फ मुन्ना ने बताया कि दीपक उनका इकलौता बेटा था। उसकी मौत से पूरी दुनिया उजड़ गई। मृतक अंकुश के पिता रामबाबू और मृतक मनीष के पिता राजेश सविता का भी रो-रोकर बुरा हाल रहा।
नहीं बनने दिया ब्रेकर, डीएम को बुलाने पर अड़े रहे
जाम लगाए ग्रामीण स्टेशन रोड मोड़ पर आकर होने वाले हादसों लेकर आक्रोश जता रहे थे। उनका कहना था कि इतने हादसे हुए लेकिन कभी पुलिस प्रशासन ने ब्रेकर बनवाने की भी जहमत नहीं उठाई। इस पर थोड़ी ही देर में पीएनसी का डंपर ब्रेकर बनाने पहुंचा लेकिन ग्रामीणों ने मना कर दिया। उनका कहना था कि पहले डीएम को बुलाया जाए। ब्रेकर बाद में बनेगा।
रोज जाते थे पांच छात्र, आज तीन ही थे
वैसे तो क्षेत्र के पांच छात्र रोज ट्रेन से भरुआ सुमेरपुर स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज जाते थे। लेकिन शुक्रवार को यही तीनो छात्र ही जा रहे थे। लेकिन वो स्टेशन रोड पर मुड़ पाते, पहले ही हादसा हो गया। हादसे में तीन की मौत होने के बाद लोग रोज आने वाले बाकी दोनो छात्रों के भी होने की आशंका में तलाश करने लगे। बगल के तालाब में भी उनको खोजा जाने लगा। बाद में मालूम हुआ कि आज तीन ही छात्र आए थे तो सभी ने राहत की सांस ली।
हंगामे के बीच चीखें गूंजती रहीं
हादसा होने के बाद तीनों छात्रों के परिजन महिला व पुरुष भी घटनास्थल पर पहुंच गए। वहीं ग्रामीण जाम लगाकर हंगामा कर रहे थे। इस हंगामें के बीच मौजूद छात्रों के घरों की महिलाओं की चीख बीच बीच में गूंज उठती थी। बीच सड़क पर बैठे सभी रो रहे थे। वहीं उनके पिता या अन्य लोग सड़क पर ही बेसुध बैठे थे।
एक छात्र था घर का इकलौता
तीनो छात्रों में दीपक तिवारी अपने माता पिता का इकलौता बेटा था। उसकी तीन अविवाहित बहने हैं। हादसे ने पूरे परिवार की खुशियां खत्म कर दीं। वहीं मनीष दो व अंकुश तीन भाइयों में छोटा था। हादसे में तीनो की मौत से उनके परिजनों का बुरा हाल रहा।
रोडवेज बस चालकों को लेकर भी दिखी नाराजगी
जाम लगाए आक्रोशित ग्रामीणों में रोडवेज बस चालकों पर भी गुस्सा दिखा। उनका कहना था कि इस रोड पर बहुत ट्रक चलते हैं, लेकिन कोई सख्ती न होने के चलते ये चालक मनमाने ढंग से बसें चलाते हैं। मनमर्जी होने पर कहीं खड़ी करके सवारियां उतारने लगते हैं या आड़ी तिरछी बसें घुसेड़ते रहते हैं। एसीपी रंजीत कुमार ने बताया कि इन बस चालकों की मनमर्जी रोकने को जल्द ही सख्त कदम उठाए जाएंगे।
साढ़े छह घंटे बाद खुला जाम, शाम तक रेंगते रहे वाहन
रोडवेज बस की चपेट में आने से तीन छात्रों की मौत से नाराज ग्रामीणों ने सुबह करीब सात बजे हाईवे जाम कर दिया। इसके चलते हाईवे पर कई किलोमीटर तक लंबा जाम लग गया। साढ़े छह घंटे बाद जब जाम खुला, तो वाहनों में आगे निकलने की होड़ की वजह से भी यातायात स्थिति बिगड़ी रही। इसका असर शाम तक हाईवे पर रेंगते हुए वाहनों के रूप में देखने को मिला।