अमित सैनी
मुजफ्फरनगर से ‘द एक्स इंडिया’ के लिए
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मुजफ्फरनगर जिला दिल्ली-एनसीआर में आता है, जहां की आबोहवा लगातार ज़हरीली होती जा रही है। शुक्रवार सुबह शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बेहद खतरनाक ‘रेड कैटेगरी’ में 221 रिकॉर्ड किया गया। बढ़ते प्रदूषण का असर लोगों की सेहत पर साफ नजर आ रहा है। आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत और दमा एवं दिल के रोगियों की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं।
AQI में लगातार बढ़ोतरी
गुरुवार सुबह जिले का AQI 158 रिकॉर्ड किया गया था, जो शाम तक 197 पर पहुंच गया। शुक्रवार सुबह तक इसमें 24 अंकों का उछाल देखा गया और यह 221 पर जा पहुंचा। यह स्तर स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है।
#मुजफ्फरनगर जिले की आबोहवा फिर हुई जहरीली
◆ शुक्रवार को जिले का AQI रेड कैटेगिरी में पहुंचा
◆ शुक्रवार सुबह 200 के पार हुआ जिले का AQI
◆ 221 रिकॉर्ड किया गया मुजफ्फरनगर का AQI
◆ लगातार दूषित हो रही है जिले की हवा
◆ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पूरी तरह से नाकाम साबित
— The X India (@thexindia) January 10, 2025
रात में क्यों बढ़ता है प्रदूषण?
हैरानी की बात यह है कि दिनभर ट्रैफिक और वाहनों से निकलने वाले धुएं के बावजूद AQI रात के समय ज्यादा खराब होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि रात में प्रदूषण माफिया सक्रिय हो जाते हैं। प्रतिबंधित प्लास्टिक वेस्ट, कूड़ा-कर्कट और पॉलीथिन को जलाने से प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो जाता है।
फैक्टरियों की चिमनियां और प्रशासन की नाकामी
शहर और आसपास की फैक्टरियों की चिमनियां रात के अंधेरे में काला और गंदा धुआं उगलती हैं। स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इन पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहा है। बोर्ड के अधिकारी प्रभावी कार्रवाई करने के बजाय केवल कागजी खानापूर्ति में जुटे हुए हैं।
जनता की मांग: ठोस कदम उठाए जाएं
प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए स्थानीय लोगों ने प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से तुरंत कार्रवाई की मांग की है। अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो मुज़फ्फरनगर की हवा और ज़हरीली हो सकती है, जिसका असर आने वाली पीढ़ियों पर भी पड़ेगा।
क्या कहता है विशेषज्ञों का सुझाव?
विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण पर काबू पाने के लिए फैक्टरियों पर सख्त कार्रवाई, कचरे के प्रबंधन में सुधार और वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को नियंत्रित करना जरूरी है। साथ ही, जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को भी इस समस्या से निपटने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
मुज़फ्फरनगर की हवा को साफ रखने के लिए प्रशासन और जनता को मिलकर काम करना होगा। समय पर कदम न उठाने का खामियाजा शहर को लंबे समय तक भुगतना पड़ सकता है।