- दिल्ली पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई, DST और सुल्तानपुरी थाने ने रैकेट का किया भंडाफोड़
नई दिल्ली। बाहरी जिले (Outer District) के सुल्तानपुरी (Sultanpuri) में एक बड़े ऑनलाइन जुआ रैकेट (Online Gambling Racket) का भंडाफोड़ हुआ है, जिसका तार मुंबई (Mumbai) से जुड़ा है। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की जिला विशेष टीम (DST) और सुल्तानपुरी थाने की संयुक्त कार्रवाई में सरगना सहित नौ लोगों को गिरफ्तार (Arrested) किया गया।
पुलिस ने 85,320 रुपये नकद (Seized Cash), छह कंप्यूटर सेटअप (Computer Setups) और अन्य जुआ सामग्री (Gambling Equipment) बरामद की। यह सनसनीखेज ऑपरेशन 5 सितंबर को डीडीए मार्केट, पी-ब्लॉक (DDA Market, P-Block) के पास हुआ, जिसने अवैध जुए के इस काले कारोबार को बेनकाब कर दिया। मामला दिल्ली पब्लिक गैम्बलिंग एक्ट (Delhi Public Gambling Act) की धारा 3/4 के तहत दर्ज किया गया है।
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कैसे चलता था यह हाई-टेक जुआ रैकेट?
पुलिस उपायुक्त (DCP) सचिन शर्मा (Sachin Sharma) ने खुलासा किया कि यह रैकेट मुंबई से संचालित (Mumbai-Based Operation) हो रहा था और हाई-टेक तरीके से लोगों को ठगा जा रहा था। आरोपी संदिग्ध लिंक (Suspicious Links), क्यूआर कोड (QR Codes), और ओटीपी (OTP) के जरिए लोगों को जाल में फंसाते थे।
गूगल ऑथेंटिकेटर (Google Authenticator) के माध्यम से भेजे गए लिंक से पीड़ितों को एक ऐप इंस्टॉल (App Installation) करने और ओटीपी डालकर लॉगिन करने को कहा जाता था। ऐप पर असली पैसे से पॉइंट्स खरीदकर जुआ (Online Betting) खेलने का लालच दिया जाता था।
दो-तीन महीने बाद संचालक ऐप को बंद (App Shutdown) कर नए लिंक के जरिए फिर वही खेल शुरू कर देते। यह ठगी का ऐसा जाल था, जो डिजिटल दुनिया में लोगों की मेहनत की कमाई लूट रहा था।

सरगना भुवेंद्र जुए का पुराना खिलाड़ी!
रैकेट का मास्टरमाइंड भुवेंद्र उर्फ भूपेंद्र (Bhuvendra alias Bhupendra, 48), सुल्तानपुरी निवासी पहले भी जुआ एक्ट के पांच मामलों में फंस चुका है। उसके साथ गिरफ्तार अन्य आठ आरोपी हैं सूरज (Suraj, 26, अमन विहार), मयंक (Mayank, 20, सुल्तानपुरी), राहुल (Rahul, 26, अमन विहार), रोहन (Rohan, 23, सुल्तानपुरी), राजेंद्र गुप्ता (Rajendra Gupta, 40, अमन विहार), धर्मवीर (Dharmveer, 33, सुल्तानपुरी), दिलशाद अहमद (Dilshad Ahmad, 33, सुल्तानपुरी), और राजेश गुप्ता (Rajesh Gupta, 32, सुल्तानपुरी)। इनके पास से पुलिस ने छह मॉनिटर (Monitors), छह सीपीयू (CPUs), छह कीबोर्ड (Keyboards), छह माउस (Mice), और अन्य उपकरण बरामद किए। यह सामान ऑनलाइन जुए के इस काले धंधे का आधार था।
छापेमारी का रोमांचक मंजर
5 सितंबर को डीएसटी की गश्त (Patrolling) के दौरान विश्वसनीय सूचना (Tip-Off) मिली कि डीडीए मार्केट में ऑनलाइन जुआ चल रहा है। इंस्पेक्टर विक्रम (Inspector Vikram) की अगुवाई में टीम ने सुल्तानपुरी थाने के सहयोग से छापा मारा। जैसे ही पुलिस ने घेरा डाला, नौ संदिग्ध भागने की कोशिश करने लगे, लेकिन पुलिस ने चपलता दिखाते हुए सभी को दबोच लिया। घटनास्थल पर कंप्यूटर स्क्रीन पर चल रहे जुआ ऐप्स और नकदी के ढेर ने रैकेट की पूरी कहानी बयां कर दी।

डीसीपी का सख्त संदेश, ‘जुए पर लगाम’
डीसीपी सचिन शर्मा ने कहा, “बाहरी जिले में संगठित अपराध और जुए के खिलाफ हमारी सतर्कता चरम पर है। सभी थानों को सक्रिय गश्त (Active Patrolling) और त्वरित कार्रवाई के निर्देश हैं। नागरिकों की सुरक्षा (Public Safety) और कानून-व्यवस्था (Law and Order) हमारी प्राथमिकता है।”
यह ऑपरेशन दिल्ली पुलिस की उन कोशिशों का हिस्सा है, जो अवैध गतिविधियों (Illegal Activities) पर नकेल कसने के लिए चल रही हैं। पहले भी सुल्तानपुरी में जुलाई 2025 में चार लोगों को जुआ रैकेट में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें 35,700 रुपये बरामद हुए थे।
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मुंबई कनेक्शन: क्या है बड़ा खेल?
मुंबई से संचालित यह रैकेट सवाल उठाता है कि क्या यह एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा है? पुलिस अब इसकी तह तक जा रही है, जिसमें संदिग्ध बैंक खातों (Bank Accounts) और डिजिटल लेनदेन (Digital Transactions) की जांच की जा रही है।
क्या यह रैकेट मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) से भी जुड़ा है? इस तरह के सवाल जांच के दायरे में हैं। दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर संगठित अपराध के खिलाफ एक बड़ा कदम है।