पटना. बिहार विधानसभा चुनाव के बीच महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने के साथ ही अपनी एकजुटता का संदेश दिया, लेकिन इसी बीच कांग्रेस के एक गुट ने पार्टी मुख्यालय सदाकत आश्रम में कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू के खिलाफ खुला विद्रोह शुरू कर दिया।
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नाराज नेताओं ने अल्लावरू पर ‘टिकट चोरी’ का आरोप लगाते हुए उनकी तत्काल बर्खास्तगी की मांग की और ‘बिहार कांग्रेस बचाओ’ का नारा बुलंद करते हुए उपवास और प्रदर्शन का ऐलान किया।
कांग्रेस नेता आनंद माधव ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “कांग्रेस की वर्तमान स्थिति बेहद दयनीय है। हम शायद दहाई का आंकड़ा भी पार न कर सकें। इसका मुख्य कारण कृष्णा अल्लावरू हैं, जिन्होंने बिहार में पार्टी को तबाह कर दिया
। राहुल गांधी का वोटर अधिकार यात्रा के बाद महागठबंधन सरकार का सपना अब चूर-चूर हो चुका है। इसकी जांच जरूरी है।” उन्होंने टिकट वितरण प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अल्लावरू को तुरंत हटाया जाए तो ही नुकसान को रोका जा सकता है।
माधव ने तेजस्वी यादव के सीएम चेहरे की घोषणा पर भी सवाल उठाए, “10 दिन पहले घोषणा क्यों नहीं की गई? अच्छी-अच्छी सीटें क्यों छोड़ दी गईं?” उन्होंने दावा किया कि बिहार में बाहरी लोगों को टिकट दिए गए, जो ‘टिकट बिक्री’ का सबूत है। “
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कांग्रेस खुद शर्मसार है। हम जनता का सामना नहीं कर पा रहे। अल्लावरू ने अपना मकसद पूरा कर लिया और पार्टी को भारी नुकसान पहुंचाया। यह हमारा नुकसान भी है।”
बागी नेता बंटी चौधरी और अन्य ने चेतावनी दी, “यह तो शुरुआत है, अंत बहुत आगे जाएगा। राहुल गांधी का वोटर अधिकार यात्रा का नारा व्यर्थ चला गया। 21 उम्मीदवार बाहरी हैं, जिन्होंने कभी कांग्रेस का झंडा नहीं थामा, न धरना-प्रदर्शन किया।”
हाल ही में कटिहार सांसद तारिक अनवर ने भी टिकट वितरण पर सवाल उठाए थे, जबकि पूर्व विधायक गजनंद शाही ने 2020 में 113 वोटों से हारने के बावजूद टिकट न मिलने पर राहुल गांधी से हस्तक्षेप की मांग की।
कांग्रेस के आंतरिक कलह ने महागठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 18 अक्टूबर को पटना एयरपोर्ट पर अल्लावरू के वाहन को घेरने और सहयोगियों पर हमले की घटना ने विवाद को और भड़का दिया।
पार्टी के कई नेता, जैसे छत्रपति यादव, नागेंद्र प्रसाद विकास, रंजन सिंह, बच्चू सिंह, और राजकुमार राजन, ने राज्य अध्यक्ष राजेश राम के साथ अल्लावरू पर एकतरफा निर्णय लेने का आरोप लगाया।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “अल्लावरू ने केंद्रीय नेतृत्व को गुमराह किया। टिकटों की बिक्री के आरोप सही हैं।” कासका से तीन बार विधायक अफाके आलम ने भी राजेश राम, अल्लावरू और शकील अहमद खान पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया।
बिहार में कांग्रेस को महागठबंधन में 27 सीटें मिलीं, लेकिन आंतरिक असंतोष से पार्टी का प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को है।





