मुंबई। विवादों से घिरी फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ (The Bengal Files) को लेकर एक नया मोड़ आ गया है। निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री (Vivek Ranjan Agnihotri) ने गुरुवार को इंस्टाग्राम पर एक धमाकेदार पोस्ट शेयर किया, जिसमें फिल्म की प्रोड्यूसर पल्लवी जोशी (Pallavi Joshi) का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) को लिखा खुला पत्र शामिल है।
यह पत्र राजनीतिक दबाव (Political Pressure) और धमकियों का खुलासा करता है, जो फिल्म की रिलीज (Film Release) को रोकने की कोशिश कर रहा है। पोस्ट ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया, और #TheBengalFiles ट्रेंड करने लगा। पल्लवी का पत्र न केवल सुरक्षा की गुहार है, बल्कि सत्य की आवाज को दबाने की साजिश को बेनकाब करता है।
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पल्लवी जोशी का भावुक पत्र, ‘सत्य की रक्षा का आह्वान’
पत्र की शुरुआत में पल्लवी जोशी राष्ट्रपति को सम्मानपूर्वक संबोधित करती हैं और कहती हैं कि यह कोई विशेष सुविधा के लिए नहीं, बल्कि अपनी और फिल्म की स्वतंत्रता (Freedom of Expression) की रक्षा के लिए लिखा गया है।
उन्होंने लिखा, “यह फिल्म भारत के इतिहास के एक दर्दनाक अध्याय—1946 के ग्रेट कलकत्ता किलिंग्स (Great Calcutta Killings), नोआखाली दंगे (Noakhali Riots) और विभाजन (Partition) की त्रासदी—को उजागर करती है। यह केवल कहानी नहीं, बल्कि दबी हुई सच्चाई की पुकार है।”
पल्लवी ने खुलासा किया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने पहले ही फिल्म का विरोध किया, जिसके बाद कई FIR (FIRs) दर्ज हो गईं, ट्रेलर ब्लॉक (Trailer Blocked) कर दिया गया और थिएटर मालिक (Theatre Owners) धमकियों से डरकर स्क्रीनिंग से इनकार कर रहे हैं।
‘कोई आधिकारिक बैन नहीं, फिर भी अनौपचारिक बैन (Unofficial Ban) फिल्म को चुप करा रहा है’ :उन्होंने लिखा।
परिवार पर धमकियां, राजनीतिक साजिश का आरोप
पत्र में पल्लवी ने बताया कि उनका परिवार भी इन धमकियों (Threats) से त्रस्त है। उन्होंने कहा कि पद्म भूषण विजेता विक्टर बनर्जी (Victor Banerjee) समेत भारत और विदेश के बंगाली संगठनों (Bengali Organizations) ने राष्ट्रपति को समर्थन पत्र लिखा है।
“सत्य के लिए अभी भी साथी हैं, लेकिन राजनीतिक दबाव रिलीज में बाधा डाल रहा है।” पल्लवी ने भावुक अपील की, “यह सिनेमा सत्य का है, लेकिन सत्य को सुरक्षा (Protection) की जरूरत है। राष्ट्रपति महोदया, आप मेरी आखिरी उम्मीद हैं। कृपया संवैधानिक अधिकार (Constitutional Rights) की रक्षा करें और फिल्म को बंगाल में शांतिपूर्वक रिलीज होने दें।” यह पत्र न केवल व्यक्तिगत पीड़ा दर्शाता है, बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमले को उजागर करता है।
विवेक अग्निहोत्री की तत्काल अपील
विवेक ने पोस्ट के कैप्शन में इसे ‘तत्काल अपील’ (Urgent Appeal) बताया। उन्होंने राष्ट्रपति को टैग करते हुए लिखा, “बंगाल में राजनीतिक दबाव और धमकियों से फिल्म रिलीज नहीं हो पा रही। कृपया हस्तक्षेप करें और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करें।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi), गृह मंत्रालय (Home Ministry), सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information and Broadcasting), और मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) को भी टैग किया। विवेक ने कहा कि फिल्म 5 सितंबर को रिलीज हो रही है, लेकिन बंगाल में ‘अनऑफिशियल बैन’ लगा है। यह अपील सियासी हलचल मचा रही है, जहां BJP (BJP) इसे सेंसरशिप (Censorship) का मुद्दा बता रही है, जबकि TMC (TMC) इसे प्रोपगैंडा (Propaganda) कह रही है।
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फिल्म का विवाद: इतिहास और राजनीति का टकराव
‘द बंगाल फाइल्स’ विवेक की ‘फाइल्स ट्रायलॉजी’ (Files Trilogy) का तीसरा भाग है, जो 1946 के डायरेक्ट एक्शन डे (Direct Action Day) पर केंद्रित है। फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty), अनुपम खेर (Anupam Kher), सासवता चटर्जी (Saswata Chatterjee) जैसे सितारे हैं। ट्रेलर लॉन्च (Trailer Launch) के दौरान कोलकाता पुलिस ने हस्तक्षेप किया, जिसे विवेक ने ‘डिक्टेटरशिप’ (Dictatorship) बताया। अभिनेता सासवता ने खुद को दूर रखा, कहते हुए कि वे इतिहासकार नहीं हैं।
गोपाल ‘पाठा’ मुखर्जी (Gopal Patha Mukherjee) के पोते ने फिल्म पर आपत्ति जताई, जबकि विवेक ने इसे हीरोइक पोर्ट्रेयल बताया। मिथुन ने कहा, “सच्चाई दिखाने पर राजनीतिक मोटिवेशन का आरोप लग जाता है।”
फिल्म की रिलीज के लिए लड़ाई
यह पत्र न केवल फिल्म की रिलीज के लिए लड़ाई है, बल्कि अभिव्यक्ति की आजादी (Freedom of Speech) की। पल्लवी ने राष्ट्रपति से अपील की कि ‘मां भारती की पुकार’ को दबने न दें। विवेक ने कहा कि फिल्म बंगाल की संस्कृति, संगीत और विरासत को उजागर करती है। क्या राष्ट्रपति का हस्तक्षेप होगा? यह देखना रोचक होगा। फिलहाल, फिल्म 5 सितंबर को रिलीज हो रही है, लेकिन बंगाल में अनिश्चितता बनी हुई है।