नई दिल्ली. बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को अपनी पहली उम्मीदवार सूची जारी की, जिसमें 71 प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं। इस सूची में पार्टी ने सामाजिक समावेश पर जोर देते हुए दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा, और महिला वर्ग को प्रमुखता दी है।
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साथ ही, बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्रियों, सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, को भी चुनावी मैदान में उतारा गया है।भाजपा की इस सूची में सामाजिक विविधता को ध्यान में रखा गया है। 17 ओबीसी, 11 अति पिछड़ा, 6 एससी-एसटी, और 9 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है।
कुल मिलाकर, 50% से अधिक टिकट दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा, और महिला वर्ग को दिए गए हैं। इसके अलावा, 11 भूमिहार, 7 ब्राह्मण, 15 राजपूत, और कायस्थ व मारवाड़ी समुदाय के उम्मीदवारों को भी मौका मिला है।
कुम्हरार, पटना साहिब, राजनगर, और औरंगाबाद जैसी सीटों पर नए चेहरों को मौका देकर पार्टी ने ताजगी लाने की कोशिश की है।
महिला उम्मीदवारों में पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी को बेतिया से, गायत्री देवी को परिहार से, और देवंती देवी को नरपतगंज से टिकट दिया गया है।
सीमांचल की किशनगंज सीट से स्वीटी सिंह और प्राणपुर से निशा सिंह को उतारकर भाजपा ने मुकाबले को और रोमांचक बना दिया है। कोढ़ा से कविता सिंह, औराई से रमा निषाद, वारसलीगंज से अरुणा देवी, और जमुई से श्रेयसी सिंह को फिर से मौका मिला है।
पार्टी ने कुछ बड़े बदलाव भी किए हैं। लोकसभा चुनाव हार चुके रामकृपाल यादव को दानापुर और मिथिलेश तिवारी को बैकुंठपुर से उम्मीदवार बनाया गया है।
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सम्राट चौधरी तारापुर से और विजय सिन्हा लखीसराय से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव और कुम्हरार के विधायक अरुण कुमार सिन्हा का टिकट काट दिया गया है, जबकि गया शहर से मंत्री प्रेम कुमार अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे।
भाजपा एनडीए गठबंधन के तहत 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जिनमें से 71 उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी है। शेष 30 उम्मीदवारों के नाम जल्द सामने आएंगे। बिहार में दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को मतदान होगा, और 14 नवंबर को मतगणना होगी।