नई दिल्ली. भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) 5 से 6 अक्टूबर तक तमिलनाडु के चेन्नई तट पर समुद्री तेल रिसाव आपदाओं से निपटने के लिए एक व्यापक अभ्यास आयोजित करने जा रहा है। इस आयोजन में 32 देशों के 40 से अधिक विदेशी पर्यवेक्षक और 100 से अधिक राष्ट्रीय प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे, जो इसे वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण मंच बनाता है।
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यह आयोजन राष्ट्रीय प्रदूषण प्रतिक्रिया अभ्यास (एनएटीपीओएलआरईएक्स-एक्स) का 10वां संस्करण है, जिसे 27वीं राष्ट्रीय तेल रिसाव आपदा आकस्मिक योजना (एनओएसडीसीपी) और तैयारी बैठक के साथ जोड़ा गया है। यह द्विवार्षिक अभ्यास भारत की समुद्री तेल रिसाव से निपटने की तैयारियों का आकलन करेगा और एनओएसडीसीपी के तहत विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय की दक्षता को परखेगा। इसकी निगरानी भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक और एनओएसडीसीपी के अध्यक्ष परमेश शिवमणि, एवीएसएम, पीटीएम, टीएम करेंगे।
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इस अभ्यास में केंद्रीय मंत्रालयों, तटीय राज्य सरकारों, प्रमुख बंदरगाहों, तेल प्रबंधन एजेंसियों और समुद्री संगठनों सहित विभिन्न राष्ट्रीय हितधारकों की सक्रिय भागीदारी होगी। यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारत की परिचालन तैयारियों को प्रदर्शित करेगा।
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आईसीजी इस दौरान समुद्री प्रदूषण नियंत्रण के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए जहाजों और विमानों सहित अपनी अत्याधुनिक परिसंपत्तियों को तैनात करेगा। यह अभ्यास आईसीजी की बहु-आयामी प्रतिक्रिया रणनीति को उजागर करेगा और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के बीच समन्वित समुद्री अभियानों के महत्व को रेखांकित करेगा।
एनएटीपीओएलआरईएक्स-एक्स 2025 भारत की समुद्री पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराएगा। यह विभिन्न एजेंसियों के बीच सहयोग को मजबूत करेगा, सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने को प्रोत्साहित करेगा और समुद्री पर्यावरण प्रबंधन, परिचालन तत्परता और तकनीकी एकीकरण में नए मानक स्थापित करेगा। यह आयोजन सतत विकास और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के प्रति भारत के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप है।