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चीन की जलवायु प्रतिज्ञा ने वैश्विक प्रयासों को दी नई गति

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बीजिंग. 24 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने देश के नए राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) की घोषणा की।इसके तहत, 2035 तक चीन अपनी अर्थव्यवस्था-व्यापी शुद्ध ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को चरम स्तर से 7 से 10 प्रतिशत तक कम करेगा।

 

 

 

इस महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता ने वैश्विक जलवायु शासन को नई दिशा और ऊर्जा प्रदान की है। वर्तमान में वैश्विक जलवायु स्थिति चिंताजनक है।पिछले एक दशक में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में लगातार वृद्धि हुई है, और पिछले साल वैश्विक औसत तापमान पहली बार 1.5 डिग्री सेल्सियस की महत्वपूर्ण सीमा को पार कर गया।

 

 

 

कई प्रमुख देश अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हट रहे हैं, ऐसे में चीन, जो दुनिया का सबसे बड़ा विकासशील देश है, ने न केवल पांच साल पहले अपने ‘दोहरे कार्बन’ लक्ष्य निर्धारित किए थे, बल्कि अब पहली बार सभी ग्रीनहाउस गैसों को शामिल करते हुए एक व्यापक उत्सर्जन कटौती लक्ष्य प्रस्तावित किया है। यह कदम उत्सर्जन में कमी के प्रति चीन की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है

 

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चीन ने पहले ही इस दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। देश ने दुनिया की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा प्रणाली और नवीन ऊर्जा उद्योग श्रृंखला विकसित की है। 2016 से अब तक, चीन ने विकासशील देशों को 177 अरब चीनी युआन से अधिक की सहायता प्रदान की है और 100 से अधिक देशों के साथ हरित ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा दिया है।

 

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अफ्रीका में पवन ऊर्जा परियोजनाओं से लेकर वैश्विक नवीन ऊर्जा वाहन आपूर्ति तक, चीन की हरित उत्पादन क्षमता दुनिया भर को लाभ पहुंचा रही है। विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) के एक अधिकारी ने कहा, “चीन वैश्विक निम्न-कार्बन परिवर्तन में विश्वास और प्रेरणा दे रहा है।”

 

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शिखर सम्मेलन में, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तीन प्रमुख पहलें प्रस्तुत कीं: विश्वास को मजबूत करना, जिम्मेदारियां निभाना, और सहयोग को गहरा करना। उन्होंने ‘साझा लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियों’ के सिद्धांत पर जोर दिया और विकसित देशों से अपने दायित्वों को पूरा करने तथा उत्तर-दक्षिण के बीच की खाई को पाटने का आग्रह किया।

 

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वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, चीन ने हमेशा सक्रिय रुख अपनाया है। अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां चाहे जैसी हों, चीन की उत्सर्जन कटौती की गति धीमी नहीं पड़ेगी और न ही उसके सहयोगी प्रयास कमजोर होंगे। अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, चीन एक स्वच्छ और सुंदर विश्व के निर्माण के लिए ठोस कदम उठाता रहेगा, जिससे वैश्विक जलवायु शासन को और मजबूती मिलेगी।

 

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