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मुस्लिम वोट बैंक की गुलामी तोड़ो: चिराग पासवान का महागठबंधन पर तीखा हमला, तेजस्वी की चुप्पी पर उठे सवाल

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पटना. बिहार विधानसभा चुनाव के बीच महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री और मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने के बाद मुस्लिम प्रतिनिधित्व को लेकर नई बहस छेड़ दी है। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने महागठबंधन पर जोरदार हमला बोला, जबकि AIMIM के नेता शौकत अली ने भी मुस्लिम चेहरे की अनदेखी पर कटाक्ष किया।

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चिराग पासवान ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर लिखा, “2005 में मेरे पिता स्वर्गीय रामविलास पासवान ने ‘मुस्लिम मुख्यमंत्री’ बनाने के लिए अपनी पार्टी तक कुर्बान कर दी, लेकिन आपको उनका साथ नहीं मिला। राजद तब भी मुस्लिम चेहरा लाने को तैयार नहीं था, आज 2025 में भी न मुख्यमंत्री देने को तैयार है, न उपमुख्यमंत्री। अगर आप बंधुआ वोट बैंक बनकर रहेंगे, तो सम्मान और भागीदारी कैसे मिलेगी?” उनका यह बयान महागठबंधन की रणनीति पर सवाल खड़ा करता है, जहां मुस्लिम आबादी 17-18% होने के बावजूद कोई प्रमुख चेहरा नहीं है।

महागठबंधन ने मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री चेहरा बनाया, जो मल्लाह समुदाय (2.6% आबादी) से हैं। पिछले दिनों तेजस्वी ने एक हेलीकॉप्टर तस्वीर शेयर की, जिसमें मुकेश सहनी और राजद MLC कारी सोहैब (मुस्लिम नेता) साथ थे, लेकिन यह कदम भी पर्याप्त नहीं लगा। AIMIM के शौकत अली ने ‘एक्स’ पर तंज कसा, “बिहार इलेक्शन तक के लिए अब्दुल को तेजस्वी ने बड़ा सम्मान दिया—उड़न खटोला में बैठाया, लेकिन डिप्टी CM तो नहीं देंगे।” उन्होंने गुरुवार को कहा, “2% वाला उपमुख्यमंत्री, 13% वाला मुख्यमंत्री और 18% वाला दरी बिछावन मंत्री। अगर हम बोलेंगे तो भाजपा का भय दिखाया जाएगा।”

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चिराग पासवान का बयान विपक्षी गठबंधन की आंतरिक कमजोरियों को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में आपसी अविश्वास साफ दिख रहा है, और मुस्लिम समुदाय को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने वाली राजनीति अब पुरानी हो चुकी है। बिहार में पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को है, और NDA ने पहले ही सीट बंटवारा पूरा कर लिया है। महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, वीआईपी और कम्युनिस्ट पार्टियां शामिल हैं, लेकिन मुस्लिम प्रतिनिधित्व की कमी ने बहस को हवा दी है।

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