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मुंबई साइबर ठगी का बड़ा खुलासा: बुजुर्ग दंपति से 58 करोड़ उड़ाए, गुजरात से 7 गिरोहबाज धराए

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मुंबई, 17 अक्टूबर महाराष्ट्र में साइबर अपराधियों का एक अंतरराज्यीय गिरोह तब फंसा जब मुंबई पुलिस ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर 58 करोड़ रुपये की ठगी का पर्दाफाश किया। बुजुर्ग व्यवसायी दंपति को निशाना बनाकर चला यह सनसनीखेज घोटाला करीब डेढ़ महीने तक चला, लेकिन वित्तीय ट्रांजेक्शन की जांच से पुलिस ने गुजरात और राजस्थान से सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

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अधिकारियों का दावा है कि यह डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड का अब तक का सबसे बड़ा मामला है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय लिंक भी सामने आया है।घटना 19 अगस्त से 8 अक्टूबर के बीच की है। ठगों ने खुद को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों के रूप में पेश किया।

व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर फर्जी सरकारी आईडी और दस्तावेज दिखाते हुए उन्होंने 72 वर्षीय शेयर बाजार व्यापारी और उनकी पत्नी को ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा—यानी घर पर ही नजरबंद कर दिया।

मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे आरोप लगाकर डराया-धमकाया गया और कई चरणों में 58 करोड़ रुपये आरटीजीएस के जरिए 18 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करवा लिए गए। दंपति को लगातार कॉल पर रखा गया, ताकि वे बाहर न निकलें या किसी को बताएं।

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महाराष्ट्र साइबर पुलिस को शिकायत मिलते ही कार्रवाई तेज हो गई। वित्तीय विवरणों का विश्लेषण कर संदिग्ध खातों का पता लगाया गया। पुलिस ने तुरंत 18 खातों को फ्रीज करवाया और करीब 6000 अन्य संभावित खातों को भी लॉक किया, ताकि बाकी रकम बरामद हो सके।

जांच में पता चला कि गिरोह के सदस्य गुजरात के मेहसाणा और अहमदाबाद में छिपे थे। लोकेशन ट्रैकिंग से सातों को धर दबोचा गया। इनमें से कुछ के खिलाफ मुंबई से लेकर तमिलनाडु, झारखंड, केरल और पश्चिम बंगाल तक 31 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।

गिरफ्तार आरोपियों में सुरेशकुमार मगनलाल पटेल (51), मुसरन इकबालभाई कुंभार (30), चिराग महेश चौधरी (29), अंकित कुमार महेशभाई शाह (40), वासुदेव उर्फ विवान वालजीभाई बारोट (27), युवराज उर्फ मार्को उर्फ लक्ष्मण सिंह सिकरवार (34) और एक अन्य शामिल हैं। पूछताछ में खुलासा हुआ कि गिरोह अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगों से जुड़ा था, जो फर्जी कॉल सेंटर चलाते थे। पुलिस ने उनके फोन, लैपटॉप और दस्तावेज जब्त कर लिए हैं।

मामले ने साइबर क्राइम की नई लहर को उजागर किया है। विशेषज्ञों के अनुसार, जनवरी से अप्रैल 2025 तक डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड में ही 120 करोड़ रुपये की ठगी हुई, जिसमें बुजुर्ग और अकेले लोग मुख्य निशाना बने।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में जनता को ऐसे फ्रॉड से सावधान रहने की चेतावनी दी थी। साइबर पुलिस ने अपील की है कि वीडियो कॉल पर सरकारी एजेंसी का दावा करने वालों को संदेह की नजर से देखें और तुरंत हेल्पलाइन 1930 पर रिपोर्ट करें। जांच जारी है, और बरामद रकम पीड़ित को लौटाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

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