मिर्जापुर. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के कछवां थाना क्षेत्र के सेमरी गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी। एक महिला ने अपने दो छोटे बच्चों की हत्या कर ली और उसके बाद खुद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। प्रारंभिक जांच में पुलिस को शक है कि अंधविश्वास और झाड़-फूंक में विश्वास के कारण यह कदम उठाया गया। घटना के बाद पुलिस ने शवों को कब्जे में ले लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।
मामला कछवां थाना क्षेत्र के सेमरी गांव के मदरसा मोहल्ला का है। मृतक महिला की पहचान संगीता देवी (35 वर्ष) के रूप में हुई है, जो चंदौली के मूल निवासी थे। संगीता ने शुक्रवार को ही अपने मायके से दो महीने बाद ससुराल लौटी थीं, जहां वे अपने दो बेटों—शिवांश (3 वर्ष 8 माह) और शुभंकर (18 माह)—के साथ रह रही थीं।

शनिवार सुबह संगीता के पति हरिश्चंद्र बिंद (कच्चे मकान में परिवार के मुखिया) काम पर निकले थे। शाम करीब 5 बजे जब वे लौटे, तो घर का दरवाजा बंद था। आवाज लगाने पर कोई जवाब न मिलने पर उन्होंने पीछे के झरोखे से झांका, तो बच्चे जमीन पर लेटे दिखे।
पहले तो उन्हें लगा कि सभी सो रहे हैं, लेकिन घंटे भर बाद वापस आने पर दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे। अंदर का नजारा देखकर वे स्तब्ध रह गए—दोनों बच्चे मृत पड़े थे, उनके मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था, और संगीता रस्सी के फंदे पर लटकी हुई थीं।
घटना की सूचना मिलते ही कछवां थाना पुलिस, क्षेत्राधिकारी सदर अमर बहादुर और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। अमर बहादुर ने बताया, “प्रारंभिक जांच और पति के बयान से सामने आया है कि संगीता अंधविश्वासी स्वभाव की थीं और झाड़-फूंक में गहरा विश्वास रखती थीं। आशंका है कि इसी कारण उन्होंने यह कदम उठाया।
सभी पहलुओं पर गहन जांच की जा रही है।” पुलिस ने हत्या और आत्महत्या के प्रयास से जुड़ी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। शवों का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है, और आसपास के लोगों से पूछताछ जारी है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, संगीता का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था, और वे अक्सर स्थानीय तांत्रिकों और झाड़-फूंक करने वालों के चक्कर में पड़ जाती थीं। घटना के समय घर पर कोई और नहीं था, जिससे यह साफ है कि यह एक पारिवारिक त्रासदी थी।
इस घटना ने इलाके में अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता की आवश्यकता पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस ने संगीता के मायके वालों से भी संपर्क किया है, और जांच में कोई अन्य संदिग्ध तत्व न मिलने पर इसे अंधविश्वास से प्रेरित घटना माना जा रहा है।





