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मुजफ्फरनगर के ‘डेथ प्वाइंट’ पर बुझ गया घर का इकलौता चिराग

Muzaffarnagar Accident
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  • मुजफ्फरनगर से द एक्स इंडिया के लिए अमित सैनी की रिपोर्ट

मुजफ्फरनगर के बिलासपुर कट पर तेज रफ्तार डंपर पलटने से 8-9 लोग घायल, सचिन की मौत। आरटीओ से बचने की कोशिश में हुआ हादसा। पुलिस ने बचाव कर घायलों को अस्पताल पहुंचाया। फ्लाईओवर की मांग अनसुनी।


 

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले की नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के डेथ प्वाइंट बिलासपुर कट पर मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे एक दर्दनाक हादसा हो गया। दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे-58 पर हुए इस हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। डस्ट से लदा एक तेज रफ्तार डंपर अनियंत्रित होकर पलट गया, जिसकी चपेट में आकर 8-9 लोग घायल हो गए। इनमें से सिखेड़ा थाना इलाके के बेहड़ा अस्सा गांव निवासी सचिन पुत्र महेंद्र (25) की उपचार के दौरान मौत हो गई। इस हादसे ने न केवल एक परिवार का इकलौता चिराग बुझा दिया, बल्कि सड़क सुरक्षा और प्रशासनिक लापरवाही पर गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए।

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चश्मदीदों की जुबानी, खौफनाक हादसे के मंजर की कहानी

हरिद्वार की ओर से देहरादून हाईवे पर करीब 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रहा डंपर अचानक बिलासपुर कट पर मोड़ने के कोशिश में पलट गया। चश्मदीद आकिब मलिक बताते हैं कि “मौके पर उस वक्त करीब 20 लोग मौजूद थे। जिनमें से डंपर की चपेट में 8-9 लोग आ गए। हमने अपने हाथों से घायलों  को बाहर निकाला।“ हादसे में चार बाइकें, एक पिकअप और कई ठेले चपेट में आए।

गन्ने का जूस बेचने वाले राहुल की ठेली भी इस हादसे में तहस-नहस हो गई। राहुल ने बताया, “मेरे पास 5 ग्राहक जूस पीने के लिए खड़े थे। अचानक तेज रफ्तार डंपर हमारी ओर पलट गया। गनीमत थी कि लोगों ने मुझे खींचकर बचा लिया, वरना मैं भी उसके नीचे दब जाता!“ हादसे में राहुल की ठेली दो विद्युत पोलों के बीच जा घुसी। राहुल ने दावा किया कि डंपर चालक आरटीओ की गाड़ी से बचने के लिए तेजी से भाग रहा था, जिसके चलते उसने अचानक मोड़ लिया।

 

क्या पीछे लगी थी आरटीओ की गाड़ी?

चश्मदीदों का दावा है कि डस्ट से भरे इस डंपर के पीछे एआरटीओ की गाड़ी दौड़ रही थी। उसी से बचने की कोशिश में चालक संतुलन खो बैठा और ये हादसा हो गया। हालांकि इस दावे में कितनी सच्चाई है, ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा। लेकिन इस संबंध में अभी कोई ऑफिशियली पुष्टि नहीं हुई है और ना ही कोई बयान सामने आया है।

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एक परिवार का टूटा सहारा

हादसे में काल का ग्रास बने सचिन बेहड़ा अस्सा गांव के महेंद्र सिंह के इकलौते बेटे थे। उनकी 5 साल की बेटी अवि अब अपने पिता की छाया से महरूम हो गई। सचिन अपने पीछे माता-पिता और बेटी के अलावा बीवी अंजलि को छोड़ गया है। गांव में मातम पसरा है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय लोगों ने बताया कि सचिन अपने परिवार का एकमात्र सहारा था।

 

स्थानीय लोगों का आक्रोश

बिलासपुर कट को स्थानीय लोग ’डेथ प्वाइंट’ कहते हैं। उनका कहना है कि यहां बार-बार बड़े हादसे होते हैं, लेकिन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने फ्लाईओवर बनाने की उनकी पुरानी मांग को अनसुना कर दिया। एक स्थानीय निवासी ने गुस्से में कहा, “यहां पुल बन गया होता तो आज सचिन जिंदा होता। कितने हादसे और देखने पड़ेंगे?“

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हादसे में ये लोग हुए घायल!

  • वंश पुत्र जगदीश (20), निवासीः खेड़की, थानाः चौसाना, जिला शामली
  • हिमांशु पुत्र अरविंद (25), निवासीः खेड़की, थानाः चौसाना, जिला शामली
  • मोंटी पुत्र मांगेराम (25), निवासीः ग्राम बेहड़ा अस्सा, थाना सिखेड़ा, मुजफ्फरनगर
  • छोटू पुत्र राजसिंह (25), निवासीः ग्राम बेहड़ा अस्सा, थाना सिखेड़ा, मुजफ्फरनगर
  • शुभलेश पुत्र कदम सिंह (45), निवासीः खरपोड़, थाना ककरौली, मुजफ्फरनगर
  • विकास पुत्र कदम सिंह (23), निवासीः खरपोड़, थाना ककरौली, मुजफ्फरनगर
  • राजवीर पुत्र मलखान (53), निवासीः एकता विहार, शहर कोतवाली मुजफ्फरनगर
  • राहुल पुत्र रतनसिंह (29), निवासीः बिलासपुर, थानाः नई मंडी, मुजफ्फरनगर

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क्या कहते हैं जिम्मेदार?

“सूचना मिलते ही थाना नई मंडी पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची। क्रेन और जेसीबी की मदद से डंपर को सीधा किया गया। घायलों को तुरंत जिला अस्पताल भेजा गया। -रुपाली रॉय चौधरी, सीओ नई मंडी

 

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