नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने डिजिटल स्पेस में गैरकानूनी और आपत्तिजनक कंटेंट पर नियंत्रण के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000 के तहत इंटरमीडियरी गाइडलाइंस और डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड 2021 में बड़े संशोधन किए हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की नई अधिसूचना के अनुसार, ये बदलाव 15 नवंबर 2025 से प्रभावी होंगे।
मुजफ्फरनगर: सोने की तस्करी से जुड़े हत्याकांड का खुलासा, 6 गिरफ्तार, मुठभेड़ में एक घायल
नई गाइडलाइंस का उद्देश्य देश की संप्रभुता, अखंडता, सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था और शालीनता से जुड़े ऑनलाइन कंटेंट पर सख्ती से निगरानी और नियंत्रण करना है। संशोधित नियमों के तहत, आईटी रूल्स 2021 के रूल 3(1)(डी) को पूरी तरह बदला गया है।
अब किसी भी इंटरमीडियरी प्लेटफॉर्म (सोशल मीडिया, वेबसाइट्स, ऑनलाइन सर्विस प्रोवाइडर्स आदि) को गैरकानूनी कंटेंट, जैसे आपत्तिजनक जानकारी, फोटो, वीडियो या अन्य सामग्री, को 36 घंटे के भीतर हटाना अनिवार्य होगा, बशर्ते उन्हें इसकी ‘वास्तविक जानकारी’ मिले।
‘वास्तविक जानकारी’ दो परिस्थितियों में मानी जाएगी: पहला, किसी सक्षम न्यायालय का आदेश, और दूसरा, केंद्र या राज्य सरकार अथवा उनकी अधिकृत एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा जारी लिखित सूचना।
यह सूचना केवल संयुक्त सचिव (केंद्र सरकार) या डायरेक्टर (राज्य सरकार) स्तर का अधिकारी या पुलिस प्रशासन में उप पुलिस महानिरीक्षक (DIG) से ऊपर का अधिकृत अधिकारी ही जारी कर सकता है।
सूचना में स्पष्ट रूप से कानूनी आधार, संबंधित अधिनियम की धारा, अवैध कार्य का प्रकार, और हटाए जाने वाले URL या डिजिटल लिंक का विवरण देना होगा।
दुल्हन के घर जाने के दबाव में युवक ने की खुदकुशी! वायरल वीडियो में पत्नी-ससुराल पर लगाए गंभीर आरोप
सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि ऐसी सभी सूचनाओं की मासिक समीक्षा होगी, जिसे संबंधित विभाग का सचिव स्तर का अधिकारी करेगा। यह समीक्षा यह सुनिश्चित करेगी कि आदेश आवश्यक, संतुलित और कानून के अनुरूप हों।
ये नियम डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर जवाबदेही बढ़ाने और गलत सूचना, हिंसा भड़काने वाली सामग्री, या अन्य अवैध गतिविधियों को तुरंत रोकने के लिए बनाए गए हैं।
सरकार का कहना है कि यह कदम डिजिटल स्पेस को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि सख्त समयसीमा और सरकारी हस्तक्षेप अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर असर डाल सकते हैं।





