भुवनेश्वर. ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ और ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ के शुभारंभ को ऐतिहासिक कदम बताते हुए इसकी सराहना की। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं भारत के कृषि क्षेत्र को नया आयाम देंगी और किसानों को सशक्त बनाएंगी।
माझी ने कहा, “प्रधानमंत्री ने हमारे अन्नदाताओं के लिए दो क्रांतिकारी योजनाएं शुरू की हैं। ये योजनाएं न केवल किसानों की आय बढ़ाएंगी, बल्कि देशभर में कृषि उत्पादकता को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगी।
” उन्होंने बताया कि पहले चरण में यह योजना ओडिशा के चार जिलों—कंधमाल, मलकानगिरी, सुंदरगढ़ और नुआपाड़ा—में लागू होगी। इस कार्यक्रम का वार्षिक बजट 24 हजार करोड़ रुपये है, जिससे लगभग 1.7 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे।
योजना के लक्ष्यों पर प्रकाश डालते हुए माझी ने कहा कि यह उत्पादकता वृद्धि, सिंचाई सुविधाओं में सुधार, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के जरिए उचित मूल्य, भंडारण ढांचे को मजबूत करना और किसानों को बाजार समर्थन प्रदान करने पर केंद्रित है।
उन्होंने कहा, “ये कदम किसानों को धान की खेती से आगे बढ़कर विविधता अपनाने और उनकी आय बढ़ाने में मदद करेंगे।”
मुख्यमंत्री ने मत्स्य पालन क्षेत्र में दो प्रमुख परियोजनाओं का भी जिक्र किया। इनमें संबलपुर के बसंतपुर में 100 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला एकीकृत एक्वा पार्क और भुवनेश्वर के पंडारा में 60 करोड़ रुपये का आधुनिक मछली बाजार शामिल है।
उन्होंने कहा, “ये परियोजनाएं ओडिशा में नीली क्रांति को बढ़ावा देंगी, जो उत्पादन से लेकर प्रसंस्करण और विपणन तक को सशक्त बनाएंगी।”
माझी ने जोर देकर कहा कि ये योजनाएं किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आय दोगुनी करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से कृषि और किसान कल्याण पर विशेष ध्यान दिया गया है।
एमएसपी, पीएम-किसान योजना और विभिन्न राज्य योजनाओं ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है।
उन्होंने ‘समृद्ध कृषक योजना’ का उल्लेख करते हुए कहा कि ओडिशा के किसानों को इनपुट सहायता के साथ 3,100 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी मिल रहा है। महिला किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय लाभ और जीएसटी में छूट से कृषि में निवेश की लागत कम हुई है।
माझी ने कहा, “धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन हमारे किसानों के लिए समृद्धि लाएंगे, ओडिशा की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे और भारत को आत्मनिर्भरता व कृषि उत्कृष्टता की ओर ले जाएंगे।”