अमित सैनी
मुजफ्फरनगर से ‘द एक्स इंडिया’ के लिए
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर ज़िले के उमरपुर गांव निवासी शिव कुमार ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर गुड़ कोल्हुओं में जलाए जा रहे प्रतिबंधित कचरे के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और अपनी जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाई। शिव कुमार का आरोप है कि उनके गांव उमरपुर और इसके पास के ग्राम ढिंढावली में नौ गुड़ कोल्हुओं में बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित पन्नी, प्लास्टिक, रबड़, जूते-चप्पल की कतरन आदि जलाए जा रहे हैं, जिससे भारी प्रदूषण फैल रहा है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर पर
शिव कुमार कहते हैं, “ढिंढावली में जलाए जा रहे कचरे के चलते क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। प्रदूषण के कारण ग्रामीणों का जीना मुश्किल हो गया है। विशेषकर बीमार को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।”
पहले की थी शिकायत, अब मिल रही धमकियां
शिव कुमार बताते हैं, “इस समस्या के खिलाफ पहले भी तीन बार जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन प्रदूषण विभाग ने उसकी शिकायत का समाधान करने के बजाय उसकी पहचान कचरा जलाने वालों को उजागर कर दी।”
उसका दावा है, “उसके फर्जी हस्ताक्षर करके पोर्टल पर शिकायत का निपटारा दिखा दिया गया, जबकि कोई कार्रवाई नहीं की गई।”
शिव कुमार का कहना है, “पहचान उजागर होने के बाद अलग-अलग नंबरों से धमकी भरे फोन आ रहे हैं। इन फोन कॉल्स में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए डराया जा रहा है।”
शिव कुमार ने आशंका जताई कि “उसे किसी झूठे मामले में फंसाने या उनके साथ कोई अप्रिय घटना घटने की साजिश रची जा रही है।”
कलेक्ट्रेट पर अपनी शिकायत लेकर आए शिव कुमार
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी को फटकार
शिव कुमार द्वारा प्रदूषण फैलाने वालों की वीडियो डीएम को सौंपने के बाद जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के स्थानीय अधिकारी अंकित कुमार से फोन पर बातचीत की। डीएम ने अधिकारी की जमकर क्लास लगाई और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा, “शिकायतकर्ता की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए और किसी भी प्रकार की धमकी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
ग्रामीणों को राहत की उम्मीद
इस कार्रवाई से प्रदूषण से त्रस्त उमरपुर और ढिंढावली के ग्रामीणों को राहत मिलने की उम्मीद जगी है। ग्रामीणों का कहना है कि वे लंबे समय से इस समस्या का सामना कर रहे थे और अब डीएम द्वारा उठाए गए कदमों से उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद है। हालांकि ये देखना बाकी है कि दोषियों के खिलाफ कब और क्या कदम उठाए जाते हैं।