Home » विविध इंडिया » पंजाब बाढ़ का कहर: ‘ऑपरेशन राहत’ में भारतीय सेना की जंग, लाखों की जिंदगी दांव पर, PM मोदी का दौरा

पंजाब बाढ़ का कहर: ‘ऑपरेशन राहत’ में भारतीय सेना की जंग, लाखों की जिंदगी दांव पर, PM मोदी का दौरा

Punjab Flood: Army’s Operation Rahat Saves Lives
Facebook
Twitter
WhatsApp
  • बाढ़ ने मचाई तबाही: गांव जलमग्न, फसलें बर्बाद

 

नई दिल्ली। पंजाब (Punjab) में भारी बारिश (Heavy Rainfall) और उफनती नदियों (Overflowing Rivers) ने भयानक बाढ़ (Flood) का रूप ले लिया है, जिसने जनजीवन को तहस-नहस कर दिया। सभी 23 जिले बाढ़ प्रभावित (Flood-Affected) घोषित हो चुके हैं, सैकड़ों गांव पानी में डूबे हैं, और लाखों हेक्टेयर फसलें (Crops) तबाह हो गई हैं।

कम से कम 43 लोगों की मौत (Fatalities) की खबर है, जबकि अनगिनत परिवार बेघर (Homeless) हो गए। सतलुज (Satluj River) और अन्य नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है, जिससे हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। इस संकट की घड़ी में भारतीय सेना (Indian Army) का ‘ऑपरेशन राहत’ (Operation Rahat) उम्मीद की किरण बना हुआ है, जो बाढ़ पीड़ितों (Flood Victims) तक भोजन (Food), पानी (Water), और अन्य जरूरी सामान पहुंचा रहा है।

 

ये भी पढ़ेंः ‘द बंगाल फाइल्स’ पर सियासी तूफान, प्रोड्यूसर पल्लवी जोशी ने राष्ट्रपति को लिखा खुला पत्र, राजनीतिक दबाव का खुलासा!

 

‘ऑपरेशन राहत’: सेना की जांबाजी, गांव वालों का सहारा

वज्र कॉर्प्स (Vajra Corps) ने पंजाब के बाढ़ग्रस्त इलाकों में बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान (Rescue Operations) शुरू किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा तस्वीरों में सैनिकों को बुजुर्गों (Elderly) को कंधे पर उठाते, बच्चों को सुरक्षित निकालते, और परिवारों को भोजन व पानी बांटते देखा जा सकता है।

एक पोस्ट में वज्र कॉर्प्स ने लिखा, “पंजाब में बाढ़ ने घर उजाड़े, जिंदगियां बिखेरीं। लेकिन निराशा के बीच भारतीय सेना गांव वालों के साथ खड़ी है। हर आलिंगन भरोसे और उम्मीद का प्रतीक है।”

हरिके (Harike) और तरन तारन (Tarn Taran) में सतलुज के उफान के बीच सैनिकों ने गांव वालों के साथ मिलकर बांधों को मजबूत किया, दरारों को भरा, और अनगिनत जिंदगियां बचाईं। यह एकता और हिम्मत (Unity and Courage) की मिसाल है। एनडीआरएफ (NDRF) और स्थानीय प्रशासन (Local Administration) भी दिन-रात राहत कार्यों में जुटे हैं।

 

Punjab Flood: Army’s Operation Rahat Saves Lives

 

बाढ़ का भयावह मंजर: 43 मौतें, लाखों प्रभावित

पंजाब के रूपनगर (Rupnagar), होशियारपुर (Hoshiarpur), गुरदासपुर (Gurdaspur), और तरन तारन जैसे जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। सैकड़ों गांव जलमग्न (Submerged Villages) हैं, और किसानों की मेहनत की कमाई—धान, गेहूं, और अन्य फसलें—पानी में बह गईं।

सड़कें (Roads) और रेल मार्ग (Railways) बंद हैं, जिससे यातायात (Transportation) ठप है। बिजली आपूर्ति (Power Supply) बाधित होने से कई इलाकों में अंधेरा छाया है। ग्रामीणों का कहना है कि उनके घर, पशु, और आजीविका (Livelihood) सब तबाह हो चुके हैं।

एक किसान ने कहा, “हमारी पूरी जिंदगी पानी में डूब गई। अब क्या करें?”

बाढ़ ने न केवल आर्थिक नुकसान (Economic Loss) किया, बल्कि भावनात्मक और सामाजिक ताने-बाने को भी उजाड़ दिया।

 

ये भी पढ़ेंः कटरा भूस्खलन: मुजफ्फरनगर के 7 तीर्थयात्रियों की मौत, एक साथ उठी 6 अर्थियां, उमड़ पड़ा जन-सैलाब

 

पीएम मोदी का दौरा: केंद्र का साथ, राहत की उम्मीद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) 9 सितंबर को गुरदासपुर का दौरा करेंगे, जहां वे बाढ़ पीड़ितों और किसानों (Farmers) से मिलकर उनकी पीड़ा साझा करेंगे।

भाजपा पंजाब (BJP Punjab) ने X पर लिखा, “पीएम का दौरा दिखाता है कि केंद्र सरकार (Central Government) इस मुश्किल घड़ी में पंजाब के साथ है। हरसंभव मदद दी जाएगी।”

केंद्र ने राहत पैकेज (Relief Package) और पुनर्वास (Rehabilitation) के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया है। पंजाब सरकार (Punjab Government) ने भी मुआवजा (Compensation) और अस्थायी शिविर (Relief Camps) की व्यवस्था की है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि मदद अभी नाकाफी है।

 

ये भी पढ़ेंः मुजफ्फरनगर कलेक्ट्रेट में बच्चा बना ‘कुत्ता, भौंकता-दौड़ता देख पुलिस भी सन्न, मची खलबली, Video

 

मानसून की मार: क्या है भविष्य?

यह बाढ़ पंजाब में हाल के वर्षों की सबसे भयावह प्राकृतिक आपदा (Natural Disaster) है। मौसम विभाग (IMD) ने अगले 48 घंटों में और बारिश की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन (Climate Change) और अवैध रेत खनन (Illegal Sand Mining) ने नदियों के प्रवाह को प्रभावित किया है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया।

प्रशासन से बांधों की मरम्मत (Dam Repairs) और जल निकासी (Drainage Systems) को बेहतर करने की मांग हो रही है। फिलहाल, ‘ऑपरेशन राहत’ और सेना की जांबाजी ही पीड़ितों की उम्मीद बनी हुई है। क्या पंजाब इस संकट से उबर पाएगा? यह सवाल हर किसी के मन में है।

टॉप स्टोरी

ज़रूर पढ़ें