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श्रीलंका नौसेना का तमिलनाडु के मछुआरों पर फिर हमला, 4 ट्रॉलर जब्त करते हुए 30 मछुआरे किए गिरफ्तार

Sri Lanka Navy Detains 30 TN Fishermen, Seizes Trawlers
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पाक खाड़ी में सीमा पार करने के आरोप में श्रीलंका ने 30 तमिलनाडु मछुआरों को हिरासत में लिया, जिससे रामेश्वरम में विरोध भड़क उठा और दीपावली से पहले परिवारों का उत्साह फीका पड़ गया।


 

तमिलनाडु के तटीय इलाकों से रोजगार की तलाश में समुद्र की गोद में उतरने वाले मछुआरों पर श्रीलंका नौसेना का साया फिर गहरा गया। 8 अक्टूबर  की रात को पाक खाड़ी में भारत-श्रीलंका अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के निकट मछली पकड़ते समय 30 मछुआरों को हिरासत में ले लिया गया।

नौसेना ने उनके चार ट्रॉलर जब्त कर लिए और पकड़ी गई मछलियों को नष्ट कर दिया। रामेश्वरम, थंगाचिमादम और आसपास के क्षेत्रों से निकले ये मछुआरे गहरे समुद्र में अपनी आजीविका चला रहे थे, जब गश्ती दल ने उन्हें घेर लिया।

तमिलनाडु मत्स्य विभाग के अनुसार, उस दिन सुबह रामेश्वरम जेट्टी से 339 नावों को मछली पकड़ने के टोकन जारी किए गए थे, लेकिन कई नावें सुरक्षित लौटीं तो यह समूह दुर्भाग्य का शिकार हो गया।

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उत्तरी श्रीलंका में पूछताछ की बारी

श्रीलंका नौसेना ने हिरासत में लिए गए मछुआरों को उत्तरी श्रीलंका के एक नौसैनिक अड्डे पर ले जाकर पूछताछ शुरू कर दी। अधिकारियों ने बताया कि रात देर से भारतीय पक्ष को आधिकारिक सूचना दी गई, जिसके बाद केंद्रीय विदेश मंत्रालय ने तुरंत हस्तक्षेप की प्रक्रिया शुरू की।

यह घटना द्विपक्षीय संबंधों में नया तनाव पैदा कर रही है, क्योंकि 2025 में अब तक 17 से अधिक ऐसी गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। हाल ही में सितंबर में कराईकल से 12 मछुआरों को पॉचिंग के आरोप में पकड़ा गया था, जबकि फरवरी में 14 अन्य को हिरासत में लिया गया।

इन गिरफ्तारियों ने न केवल मछुआरों के परिवारों को संकट में डाल दिया है, बल्कि क्षेत्रीय मछली पकड़ने के अधिकारों पर सवाल भी खड़े कर दिए हैं।

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मछुआरा नेताओं का केंद्र पर हमला

रामेश्वरम के मछुआरा समुदाय में इस घटना ने आक्रोश की आग भड़का दी। नेता जेसु राजा ने गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की और केंद्र सरकार से तत्काल कूटनीतिक हस्तक्षेप की मांग की।

 

उन्होंने कहा, “यह महज सीमा उल्लंघन का मामला नहीं, बल्कि सैकड़ों परिवारों की रोजी-रोटी का सवाल है।”

 

जेसु राजा ने जोर देकर कहा कि सरकारें अब मूकदर्शक न बनें और इस बार-बार होने वाली समस्या का स्थायी समाधान निकालें।

इसी तरह, सागायम ने चिंता जताई कि दीपावली के निकट ऐसी घटनाएं तटीय इलाकों के उत्साह को कुचल रही हैं। उन्होंने बताया कि कई महिलाएं और बच्चे परिवार के सदस्यों के ‘अपहरण’ जैसी स्थिति से व्यथित हैं।

दोनों नेताओं ने राज्य और केंद्र से अपील की कि मछुआरों को नावों सहित शीघ्र मुक्त कराया जाए। तमिलनाडु सरकार ने भी विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर त्वरित कार्रवाई की मांग की है।

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लंबे समय का विवाद, राजनयिक प्रयासों पर सवाल

पाक खाड़ी में मछली पकड़ने के अधिकारों को लेकर भारत-श्रीलंका के बीच लंबे समय से राजनयिक वार्ताएं चल रही हैं, लेकिन ये गिरफ्तारियां थमने का नाम नहीं ले रही।

2024 से अब तक श्रीलंका ने 425 से अधिक तमिलनाडु मछुआरों को पकड़ा है और 58 नावें जब्त की हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कच्चाथीवू द्वीप विवाद और समुद्री संसाधनों पर असहमति इस तनाव की जड़ है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने पहले भी केंद्र से उच्च स्तरीय बैठक की मांग की है, ताकि मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।

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