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मेरठ में STF की बड़ी कार्रवाई, 2 लाख का इनामी बदमाश Arrest, 12 साल से फरार था मुजफ्फरनगर का हरीश

UP STF Arrests Fugitive Harish in Meerut, Rs 2 Lakh Reward on Notorious Criminal
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उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने मेरठ के भैंसाली बस अड्डे के पास एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 2 लाख रुपये के इनामी कुख्यात बदमाश हरीश ब्रह्मपाल को गिरफ्तार किया। 12 साल से फरार हरीश पर मुजफ्फरनगर, बागपत और शामली में हत्या, लूट, रंगदारी, अपहरण, गैंगस्टर एक्ट और आर्म्स एक्ट समेत 34 मुकदमे दर्ज हैं।

STF प्रभारी बृजेश सिंह ने बताया कि हरीश पंजाब के पटियाला में किराना दुकान पर मजदूरी कर अपनी पहचान छिपाए हुए था। इस गिरफ्तारी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपराध के खिलाफ चल रही मुहिम को बड़ी सफलता दिलाई है।

 

STF की कार्रवाई 

19 अगस्त की दोपहर 1:25 बजे STF को गुप्त सूचना मिली कि हरीश मेरठ के भैंसाली बस स्टैंड पर मौजूद है। सूचना के आधार पर STF की टीम ने तुरंत छापा मारा और हरीश को धर दबोचा।

पूछताछ में उसने बताया कि वह 2004 से फरार था और पंजाब के पटियाला में अपने परिवार के साथ रह रहा था। वहाँ वह एक किराना दुकान पर मजदूरी कर अपनी पहचान छिपाए हुए था। STF ने उसके पास से कोई हथियार बरामद नहीं किया, लेकिन उसकी गतिविधियों की गहन जांच शुरू कर दी है।

 

UP STF Nabs Rs 2 Lakh Reward Fugitive Harish in Meerut After 12-Year Manhunt

 

आपराधिक इतिहास 

45 वर्षीय हरीश ब्रह्मपाल मूल रूप से मुजफ्फरनगर के भोजकला गांव (थाना भौराकला) का निवासी है। उसका आपराधिक सफर 1992 में शुरू हुआ, जब गांव में एक परिवार के साथ रंजिश ने हिंसक रूप ले लिया। इस पारिवारिक विवाद ने उसे खूनी संघर्ष की राह पर धकेल दिया।

हरीश ने अपने भाई सतीश और अन्य साथियों के साथ मिलकर हत्या, लूट, रंगदारी और अपहरण जैसी कई संगीन वारदातों को अंजाम दिया। पुलिस के अनुसार, वह पश्चिमी यूपी में अपने गिरोह के जरिए खौफ का पर्याय बन चुका था।

 

 

34 मुकदमों का कुख्यात अपराधी 

हरीश पर मुजफ्फरनगर, बागपत और शामली के विभिन्न थानों में 34 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें 14 से अधिक गंभीर अपराध शामिल हैं। इनमें हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, रंगदारी, अपहरण, गैंगस्टर एक्ट और आर्म्स एक्ट जैसे मामले प्रमुख हैं।

2004 में एक हाई-प्रोफाइल हत्या के बाद वह फरार हो गया था, जिसके बाद पुलिस और STF ने उसकी तलाश तेज कर दी। उसकी गिरफ्तारी के लिए 2 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था और कई बार उसे पकड़ने के लिए छापेमारी की गई, लेकिन वह हर बार बच निकलता था।

 

पंजाब में फरारी 

STF प्रभारी बृजेश सिंह ने बताया कि हरीश ने अपनी पहचान बदलकर पंजाब के पटियाला में शरण ली थी। वह वहाँ एक आम मजदूर के रूप में किराना दुकान पर काम कर रहा था, जिससे पुलिस की नजरों से बचा रहा।

उसने अपने परिवार को भी साथ रखा था ताकि कोई शक न हो। STF की गुप्तचर इकाई ने लंबे समय तक उसकी गतिविधियों पर नजर रखी और अंततः सटीक सूचना के आधार पर उसे गिरफ्तार किया।

 

UP STF Nabs Rs 2 Lakh Reward Fugitive Harish in Meerut After 12-Year Manhunt

 

पुलिस और STF की रणनीति 

STF की यह कार्रवाई पश्चिमी यूपी में अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है। बृजेश सिंह ने बताया कि हरीश की गतिविधियों पर कई महीनों से नजर रखी जा रही थी। उसकी गिरफ्तारी के लिए गुप्त सूचनाओं का आदान-प्रदान और तकनीकी निगरानी का सहारा लिया गया।

भैंसाली बस अड्डे जैसे भीड़भाड़ वाले स्थान पर हरीश को बिना किसी हंगामे के पकड़ना STF की रणनीति की सफलता दर्शाता है।

 

 

आगे की कार्रवाई 

हरीश को मेरठ कोर्ट में पेश किया जाएगा, और उसके खिलाफ दर्ज सभी मामलों की जांच तेज की जाएगी। STF यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या उसके पुराने गिरोह के सदस्य अभी भी सक्रिय हैं।

पुलिस उसके भाई सतीश और अन्य सहयोगियों की भी तलाश में है, जो कई वारदातों में शामिल थे।

 

 

अपराध पर नकेल

हरीश की गिरफ्तारी से मुजफ्फरनगर, बागपत, और शामली में अपराध पर नकेल कसने की उम्मीद है। पश्चिमी यूपी में रंगदारी और गैंगस्टर गतिविधियों के लिए कुख्यात हरीश का पकड़ा जाना स्थानीय लोगों के लिए राहत की बात है।

हाल के महीनों में क्षेत्र में अपराध की कई घटनाएं, जैसे बुढ़ाना में दलित युवक की लिंचिंग और भूनी टोल प्लाजा पर सेना के जवान की पिटाई ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। यह गिरफ्तारी पुलिस और STF की सक्रियता को दर्शाती है।

 

 

खौफ का दौर खत्म!

हरीश ब्रह्मपाल की गिरफ्तारी ने 12 साल की लंबी फरारी और पश्चिमी यूपी में उसके खौफ के दौर को खत्म किया है। STF की यह कार्रवाई अपराधियों के लिए सख्त संदेश है कि कानून से बचना संभव नहीं। हरीश के खिलाफ जांच और कोर्ट में पेशी से उसके अपराधों की पूरी सच्चाई सामने आएगी।

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