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देहरादून में बादल फटने से भारी तबाही: सहस्रधारा क्षेत्र में कारलीगाढ़ नदी उफान पर, जोरों पर राहत कार्य

Uttarakhand: Massive Destruction from Cloudburst in Dehradun, Relief and Rescue Efforts Underway
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देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के सहस्रधारा (Sahasradhara) क्षेत्र में सोमवार रात को बादल फटने (Cloudburst) की घटना ने भारी तबाही मचा दी। अचानक बादल फटने से कारलीगाढ़ नदी (Karli Gad River) में बाढ़ (Flood) आ गई, जिसके चलते आसपास के इलाकों में व्यापक नुकसान हुआ है। लगातार तेज बारिश ने नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंचा दिया, जिससे एक प्रमुख पुल (Bridge) ढह गया और नदी किनारे बसी संपत्तियां बुरी तरह प्रभावित हुईं।

नुकसान का आकलन
प्रारंभिक रिपोर्टों के मुताबिक, नदी के किनारे बसी दर्जनों दुकानें (Shops) या तो पूरी तरह नष्ट हो गईं या पानी के तेज बहाव में बह गईं। इसके अलावा, बाढ़ के कारण दो होटल (Hotels) भी ढह गए हैं। यह आपदा (Disaster) न केवल संपत्ति को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि जनजीवन को भी बुरी तरह प्रभावित कर रही है।

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प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन (District Administration) ने फौरन कमान संभाली। जिला मजिस्ट्रेट (District Magistrate) सविन बंसल ने खुद मोर्चा संभाला और सभी विभागों के साथ तालमेल बिठाकर बचाव एवं राहत कार्य (Rescue and Relief Operations) शुरू कर दिए। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), लोक निर्माण विभाग (PWD) और अन्य इमरजेंसी सर्विसेज की टीमें जेसीबी मशीनों व जरूरी उपकरणों के साथ रातोंरात घटनास्थल पर पहुंच गईं।

प्रशासन ने नदी के आसपास रहने वाले निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित (Evacuation) करना शुरू कर दिया है। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि दो व्यक्ति लापता हैं, और उनकी तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन (Search Operation) जारी है। आपदा की गंभीरता को भांपते हुए सभी विभागों को हाई अलर्ट (High Alert) पर रखा गया है। घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (Incident Response System – IRS) प्रोटोकॉल के तहत राहत प्रयास तेजी से चल रहे हैं।

जिलाधिकारी के आदेश पर एसडीएम कुमकुम जोशी रात में ही साइट पर पहुंचीं और कार्यों की निगरानी (Monitoring) कर रही हैं।

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सतर्कता की अपील
प्रशासन ने सभी निवासियों से सावधान रहने और आधिकारिक निर्देशों (Official Instructions) का सख्ती से पालन करने की अपील की है। हालांकि बादल फटने से व्यापक क्षति हुई है, लेकिन प्रशासन की फुर्तीली कार्रवाई का मकसद नुकसान को न्यूनतम रखना और प्रभावितों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। लापता लोगों की खोज और पीड़ित परिवारों को सहायता पहुंचाना शीर्ष प्राथमिकता है।

पिछली घटना की याद
इससे पहले अगस्त 2025 में उत्तराखंड के चमोली जिले (Chamoli District) के देवाल तहसील के मोपाटा गांव में बादल फटने से दो लोग लापता हो गए थे। उस हादसे में एक आवासीय मकान (Residential House) और एक गोशाला (Cowshed) क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसमें 15 से 20 पशुओं के मलबे में दबे होने की आशंका जताई गई थी।

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