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पीएम मोदी का कांग्रेस पर तीखा हमला: नीतिगत कुप्रबंधन से देश को कमजोर किया, घोटालों का बोझ बढ़ाया

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नई दिल्ली.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में कांग्रेस शासन की नीतिगत नाकामियों पर करारा प्रहार किया। उन्होंने 2014 से पहले की स्थिति को ‘नीतिगत पक्षाघात’ का दौर करार देते हुए कहा कि कांग्रेस ने बड़े पैमाने पर घोटाले, आर्थिक कुप्रबंधन और सामाजिक बहिष्कार को बढ़ावा दिया, जिसने देश को असुरक्षित और कमजोर बनाया।

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भारत मंडपम में ‘अनस्टॉपेबल इंडिया’ थीम पर आयोजित इस समिट में पीएम ने श्रीलंका की पीएम हरिणी अमरसूर्या, ब्रिटेन के पूर्व पीएम ऋषि सुनक और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व पीएम टोनी एबॉट जैसे वैश्विक नेताओं को संबोधित किया।

मोदी ने अपनी सरकार के समावेशी सुधारों की तुलना कांग्रेस की बहिष्कारी नीतियों से की। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने लोगों को बैंकों से दूर रखा। गरीब बैंक में जाने से डरते थे। 2014 में आधी आबादी के पास बैंक खाते नहीं थे।

” इसके विपरीत, उनकी सरकार ने 50 करोड़ से ज्यादा जन-धन खाते खोलकर वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया, जिसने भारत को डिजिटल लेनदेन में वैश्विक अग्रणी बनाया। उन्होंने जोर देकर कहा, “हमने नीतियों का लोकतंत्रीकरण किया, न कि उनका सरकारीकरण। यही अनस्टॉपेबल इंडिया की ताकत है।”

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम ने बैंकिंग क्षेत्र में संकट पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने बैंकों में एनपीए का पहाड़ खड़ा किया। पेट्रोल पंपों को 12 घंटे बंद करने जैसे अव्यवहारिक फैसले लिए।” उनकी सरकार ने इन गैर-जिम्मेदार नीतियों को सुधारते हुए बैंकों को मजबूत किया और आर्थिक स्थिरता लाई।

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मोदी ने 2014 से पहले की चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा, “उस दौर में आतंकवाद, महिला सुरक्षा और वैश्विक चुनौतियां चर्चा में थीं। कई लोग भारत की रिकवरी पर शक करते थे।” लेकिन आज भारत दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शुमार है।

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के हालिया आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि भारत में मुद्रास्फीति 2% से नीचे है और पिछले तीन साल में औसत आर्थिक वृद्धि 7.8% रही है।

वैश्विक निवेशकों के लिए भारत की बढ़ती अपील पर जोर देते हुए पीएम ने गूगल के हालिया निवेश और ऊर्जा व सेमीकंडक्टर क्षेत्र में बढ़ती रुचि का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, “दुनिया भारत में अवसर देखती है और हमें एक भरोसेमंद साझेदार मानती है।

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” कांग्रेस के उदारीकरण को ‘मजबूरी में उठाया कदम’ बताते हुए, उन्होंने अपनी सरकार की नीतियों को सक्रिय और जन-केंद्रित करार दिया। यह संबोधन न केवल भारत की प्रगति का बखान करता है, बल्कि विपक्ष की नीतिगत कमियों को भी उजागर करता है।

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