नई दिल्ली.सेशेल्स के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति पैट्रिक हर्मिनी के शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे। धनखड़ 26-27 अक्टूबर को सेशेल्स की दो दिवसीय यात्रा पर रहेंगे, जहां वे सेशेल्स सरकार के निमंत्रण पर हर्मिनी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेंगे। यह यात्रा भारत-सेशेल्स के बीच घनिष्ठ संबंधों को और मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगी।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, उपराष्ट्रपति हर्मिनी को भारत की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं देंगे और दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे मित्रवत संबंधों की पुष्टि करेंगे। मंत्रालय ने कहा, “सेशेल्स भारत की ‘विजन महासागर’ और ग्लोबल साउथ के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का महत्वपूर्ण साझेदार है। यह यात्रा सेशेल्स के साथ साझेदारी को मजबूत और विस्तारित करने की भारत की गहरी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।”
भारत-सेशेल्स के संबंध ऐतिहासिक रूप से मजबूत हैं। 1770 में पांच भारतीय श्रमिकों का एक समूह सेशेल्स पहुंचा, जो द्वीप समूह के पहले निवासी माने जाते हैं। राजनयिक संबंध 1976 में स्थापित हुए, जब सेशेल्स को स्वतंत्रता मिली। उसी वर्ष भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस नीलगिरि ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लिया।
भारतीय मिशन 1979 में विक्टोरिया में स्थापित हुआ, और पहला निवासी उच्चायुक्त 1987 में नियुक्त किया गया। सेशेल्स ने 2008 में नई दिल्ली में अपना निवासी मिशन खोला।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2015 में सेशेल्स का दौरा किया, जो 34 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी।
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इस दौरान चार महत्वपूर्ण समझौते हुए: नवीकरणीय ऊर्जा सहयोग, हाइड्रोग्राफी में सहयोग, नेविगेशनल चार्ट्स की बिक्री का प्रोटोकॉल, और असम्पशन द्वीप पर सुविधाओं का विकास। इसके अलावा, सेशेल्स को दूसरा डोर्नियर विमान उपहार में देने और सेशेल्स नागरिकों को भारत यात्रा के लिए तीन महीने का निःशुल्क वीजा घोषित किया गया। ये कदम समुद्री सुरक्षा और द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने वाले थे।
सेशेल्स भारत के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में रणनीतिक महत्व रखता है। दोनों देश रक्षा, व्यापार, और विकास में सहयोग बढ़ा रहे हैं। 2024 में द्विपक्षीय व्यापार 2.5 बिलियन डॉलर तक पहुंचा, और भारत सेशेल्स का प्रमुख साझेदार है।





