मुजफ्फरनगर का शुक्रताल गंगा घाट कार्तिक मास के पवित्र स्नान मेले के लिए जाना जाता है। 2 नवंबर 2025 से शुरू हुए चार दिवसीय मेले में हजारों श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन के लिए उमड़ पड़े, लेकिन मेले के मद्देनजर अवैध शराब के सौदागरों की सक्रियता ने प्रशासन को सतर्क कर दिया।
अपर मुख्य सचिव और आबकारी आयुक्त प्रयागराज के निर्देशों पर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा और एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने सख्ती बरती।

खादर जंगल में छापेमारी
जिला आबकारी अधिकारी राकेश सिंह के नेतृत्व में 2 नवंबर को आबकारी विभाग की टीम ने शुक्रताल खादर और बिहारगढ़ के जंगल में दबिश दी। पश्चिमी यूपी के खादर इलाके अवैध शराब के हॉटस्पॉट माने जाते हैं, जहां गंगा के मैदानी क्षेत्रों में छिपे कारखाने रात-दिन चलते रहते हैं।
टीम ने जंगलों के घने इलाकों में सघन तलाशी ली। अवैध मदिरा के पारेषण और उपभोग पर रोक लगाने के लिए स्थानीय लोगों को जागरूक किया गया।
मेले में शराबबंदी का महत्व
शुक्रताल मेला धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है। यहां स्नान के साथ दीप प्रज्वलन और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। लेकिन अवैध शराब का प्रवेश भक्ति को कलंकित कर सकता है। आबकारी विभाग ने भ्रमणशील रहकर लोगों को चेतावनी दी।
प्रशासन की अपील
जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने कहा कि मेला शांतिपूर्ण रहेगा। अवैध शराब की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई होगी। एसएसपी संजय वर्मा ने पुलिस को सतर्क रहने के निर्देश दिए। स्थानीय लोगों ने जागरूकता अभियान की सराहना की।
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भविष्य की चुनौतियां
मेले के दौरान अवैध शराब की स्मगलिंग रोकना चुनौतीपूर्ण है। खादर के जंगलों में छिपे कारखाने आसानी से अवैध मदिरा सप्लाई करते हैं। प्रशासन ने अतिरिक्त टीमें तैनात की हैं। यह कार्रवाई न केवल मेला सुरक्षित रखेगी, बल्कि क्षेत्रीय अपराध पर लगाम लगाएगी।
 




