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मुजफ्फरनगर में लेखपाल की करतूत! ग़रीब के घर पर चला दिया  बुल्डोजर, DM ने दिए जांच के आदेश

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मुजफ्फरनगर की सदर तहसील के बघरा ब्लॉक के खेड़ी धूधाधारी गांव में 4 नवंबर 2025 को लेखपाल बंसत कुमार ने ग्राम प्रधान अनुज देशवाल के इशारे पर कमल कुमार प्रजापति का निर्माणाधीन मकान बुल्डोजर से ध्वस्त कर दिया। कमल और उसके भाई ने विरोध किया तो उन्हें तितावी थाने में हवालात में बंद कर दिया गया।

हवालात की हवा और रिश्वत की डिमांड

कमल ने DM को बताया कि लेखपाल ने उसे एवं उसके भाई को कई घंटे थाने में रखा गया। बाद में स्थानीय लोगों ने बामुश्किल छुड़वाया। 13 नवंबर को लेखपाल ने व्हाट्सएप कॉल कर 20 हजार रुपये की मांग की। नहीं देने पर जेल भिजवाने की धमकी दी।

कमल ने कहा, “रिकॉर्डिंग न हो इसलिए व्हाट्सएप कॉल किया।”

200 गज जमीन का 20 साल पुराना मालिकाना हक

कमल ने डीएम को बताया कि 200 गज जमीन उनके पिता ने 20 साल पहले जितेंद्र से खरीदी थी। कागजात पेश किए। उसी जमीन पर कई अन्य घर बने हैं, प्रधान का भी घेर है। लेकिन सिर्फ उनका मकान टारगेट किया गया। कोई नोटिस नहीं दिया गया।


सफाई व्यवस्था पर आवाज उठाने की सजा

कमल ने गांव में सफाई को लेकर आवाज उठाई थी। इससे प्रधान और लेखपाल नाराज हो गए। रंजिश में बुल्डोजर लेकर मकान तोड़ दिया। कमल ने वीडियो और कॉल रिकॉर्डिंग डीएम व एसडीएम को सौंपी।


‘लेखपाल को सस्पेंड करने का आदेश’

गुरुवार दोपहर कमल डीएम उमेश कुमार मिश्रा से मिला। डीएम ने एसडीएम सदर को तलब किया।

DM ने कहा, “लेखपाल को बुल्डोजर चलाने का कोई अधिकार नहीं।”

DM ने जांच में दोषी पाए जाने पर लेखपाल को सस्पेंड करने का निर्देश दिया।


प्रशासनिक दबंगई पर सवाल

यह मामला लेखपाल-प्रधान गठजोड़ को बेनकाब करता है। कमल ने कहा, “हम गरीब हैं, लेकिन हक की लड़ाई लड़ेंगे।” गांव में तनाव है। अन्य ग्रामीण भी डर में हैं।


जांच और आगे की कार्रवाई

एसडीएम सदर ने जांच शुरू कर दी। रिपोर्ट जल्द डीएम को सौंपी जाएगी। डीएम ने कहा कि सरकारी जमीन पर कब्जा और रिश्वतखोरी बर्दाश्त नहीं। कमल को न्याय का भरोसा दिलाया।

क्या कहते हैं लेखपाल?

लेखपाल बसंत कुमार का कहना है कि ‘सारे आरोप निराधार एवं बेबुनियाद है। इन लोगों ने सरकारी भूमि पर कब्ज़ा किया हुआ था। नायब तहसीलदार की मौजूदगी में कार्रवाई को अंजाम दिया गया!’