मुज़फ्फ़रनगर। योगी आदित्यनाथ ने पूरे यूपी को गड्ढा-मुक्त करने का हुक्म दिया था, लेकिन मुजफ्फरनगर में आज भी सड़कें तालाब बनी हैं। परिक्रमा मार्ग की सड़क तो दो साल से “मौत का कुआं” बनी हुई है, जहां से आधा दर्जन स्कूल-कॉलेज, पॉश कॉलोनियां सबका रास्ता यहीं से गुजरता हैं।
दर्जनों शिकायतें, कोई सुनवाई नहीं
क्षेत्रवासियों ने सैकड़ों बार शिकायत की, फोटो-वीडियो भेजे, लेकिन प्रशासन की नींद नहीं टूटी। आखिरकार एक युवक ने इंसाफ के लिए जान जोखिम में डाल दी।
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जल समाधि से हड़कंप
विजय हिंदुस्तानी नामक युवक ने हाथ-पैर लोहे की जंजीरों से जकड़ लिए। हाथ में तिरंगा थामा और परिक्रमा मार्ग के बीच बने विशाल गड्ढे (जो अब तालाब बन चुका है) में बैठ गया। ठंडे पानी में हाड़ मांस कंपकपा देने वाली ठिठुरन, फिर भी चट्टान की तरह अडिग विजय हिंदुस्तानी। वो चिल्लाया कि “जब तक पक्का आश्वासन नहीं, मैं मर जाऊंगा लेकिन यहां से नहीं हटूंगा!”

पुलिस पहुंची, समझाने की कोशिश नाकाम
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर दौड़ी। समझाया, मनाया, लेकिन विजय का एक ही जवाब – “साहब, दो साल से हम मर रहे हैं, आज एक बार आप मरो!” छात्र नेता विशु मलिक भी साथ खड़े हो गए, नारे लगने लगे – “गड्ढे बंद करो, वरना हम नहीं हटेंगे!”
सातवें आसमान पर जनता का गुस्सा
स्कूल की बसें, एम्बुलेंस तक फंस जाती हैं। बच्चे रोज पानी में गिरते हैं। लोग बोले – “विजय हमारी आवाज बन गया। अगर इसे कुछ हुआ तो पूरा मुजफ्फरनगर सड़क पर उतरेगा!”
प्रशासन पर सवाल!
अब तक कोई आला अफसर नहीं पहुंचा। विजय का धरना जारी। पानी ठंडा, शरीर कांप रहा, लेकिन इरादा पक्का। मुजफ्फरनगर आज एक युवक की जल समाधि देखकर सन्न है – क्या CM के हुक्म का इतना ही असर?




