‘गली-गली झूठे डॉक्टर, नुक्कड़-नुक्कड़ फर्जी लैब… मुजफ्फरनगर में स्वास्थ्य का बाजार गर्म, लेकिन असली इलाज कहीं दूर! गरीबों की जेब और जान दोनों लुट रहे हैं, अब ‘द एक्स इंडिया’ का ‘ऑपरेशन हेल्थ’ इनके गोरखधंधे की पोल खोलेगा!’
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मुजफ्फरनगर जिला अब फर्जी अस्पतालों, पैथोलॉजी लैबों, अल्ट्रासाउंड सेंटरों और कलेक्शन सेंटरों का सबसे बड़ा हब बन चुका है। अगस्त 2025 तक के डेटा के मुताबिक जिले में गैर-सरकारी यानी प्राइवेट केवल 116 हॉस्पिटल, 73 क्लिनिक, 41 पैथोलॉजी लैब, 98 अल्ट्रासाउंड और महज़ 14 कलेक्शन सेंटर रजिस्टर्ड हैं।
लेकिन हकीकत यह है कि आज जिले के हर गली-मोहल्ले में 10-10 डॉक्टर, दर्जनों लैब और सैकड़ों कलेक्शन सेंटर धड़ल्ले से चल रहे हैं, वो भी बिना किसी लाइसेंस के। कुल मिलाकर जिले में 400 से ज्यादा अस्पताल और सैकड़ों पैथोलॉजी लैब चल रही हैं, जिनमें से अधिकांश फर्जी हैं।
छोटे कस्बों-गांवों में भी भरमार
एक अनुमान के मुताबिक, चरथावल में 20 से ज्यादा अस्पताल, पुरकाजी में 20 से ज्यादा, बसेड़ा में 5 से ज्यादा, बरला में 5 से ज्यादा, रोहाना में 2, बघरा में करीब 20, जानसठ में करीब 20, मीरापुर में 10 के लगभग, भोपा में 10 के लगभग, मोरना में 10 के लगभग, शाहपुर में करीब 15 और बुढ़ाना में 20 से ज्यादा अस्पताल खुले हैं।
शहर से सटे (अब नगर पालिका का हिस्सा) अलमासपुर और कुकड़ा जैसे छोटे इलाकों में भी 10-10 से ज्यादा अस्पताल चल रहे हैं। गांव-मजरे के छोटे-छोटे मोहल्लों में भी झोला-छाप डॉक्टर और फर्जी लैब की भरमार है।

केवल 14 रजिस्टर्ड कलेक्शन सेंटर
498 गांव-मजरे वाले इस जिले में मात्र 14 कलेक्शन सेंटर रजिस्टर्ड हैं। बाकी सैकड़ों कलेक्शन सेंटर बिना लाइसेंस के चलाए जा रहे हैं। इनमें ब्लड, यूरिन और अन्य टेस्ट धड़ल्ले से होते हैं। लोग अनजाने में अपनी सेहत को इनके हाथों में सौंप रहे हैं।
बुढ़ाना में 16 दिसंबर का मामला
16 दिसंबर को बुढ़ाना में एक लैब पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमारी की, लेकिन कार्रवाई जीरो रही। लैब संचालक ने जच्चा-बच्चा केंद्र, दो-दो ब्लड बैंक, लैब आदि खोल रखे हैं, लेकिन आज तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई। स्वास्थ्य विभाग राम-भरोसे चल रहा है।
गरीबों के स्वास्थ्य से खुला खिलवाड़
ये फर्जी अस्पताल और लैब गरीबों के स्वास्थ्य के साथ खुलेआम खिलवाड़ कर रहे हैं। गलत टेस्ट, गलत दवाएं, गलत रिपोर्ट… सब कुछ चल रहा है। लोग अपनी जान जोखिम में डालकर इनके पास जा रहे हैं। जिले में अब स्वास्थ्य का बाजार गर्म है, लेकिन असली इलाज कहीं दूर।
सीएमओ ने भी माना, कार्रवाई की जरूर
सीएमओ सुनील तेवतिया इस बात को खुद मानते हैं कि जिले में गैर-कानूनी तरीके से खोले गए अस्पताल-क्लीनिक, पैथोलोजी लैब, कलेक्शन सेंटर की भरमार है, जो बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित है। उनका कहना है कि समय-समय पर उनकी तरफ से कार्रवाई की जाती रही है और आगे भी जारी रहेगी।
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‘द एक्स इंडिया’ का ‘ऑपरेशन हेल्थ’ शुरू
‘द एक्स इंडिया’ अब इस गोरखधंधे का पर्दाफाश करने के लिए ‘ऑपरेशन हेल्थ’ शुरू कर रहा है। पहले चरण में रजिस्टर्ड अस्पतालों, पैथोलॉजी लैबों, अल्ट्रासाउंड सेंटरों और कलेक्शन सेंटरों की पूरी लिस्ट प्रकाशित की जाएगी। उसके बाद फर्जी और बिना रजिस्ट्रेशन वाले अस्पतालों, लैबों और कलेक्शन सेंटरों की सिलसिलेवार लिस्ट जारी की जाएगी।
आप भी सहयोगी बनें
‘द एक्स इंडिया’ के इस ऑपरेशन में आप भी सहयोगी बन सकते हैं। अपने आस-पास के फर्जी क्लीनिक, झोला-छाप डॉक्टर, बिना लाइसेंस की लैब या कलेक्शन सेंटर के बारे में जानकारी दें। अपनी सलाह भी दें। आपकी एक सूचना किसी गरीब की जान बचा सकती है।
जागरूकता का संदेश
स्वास्थ्य आपका अधिकार है। बिना रजिस्ट्रेशन के डॉक्टर या लैब पर भरोसा न करें। हर जगह रजिस्टर्ड सेंटर की जांच करें। ‘फर्जी इलाज’ से जान जा सकती है। जागरूक रहें, शिकायत करें। ‘द एक्स इंडिया’ आपके साथ है।





