नवरात्रि में गरमाया माहौल: “ये कलाकार भक्ति के नहीं, बवाल के!”
अंबिकापुर। नवरात्रि की मस्ती में छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में बवाल मच गया! हिंदू संगठनों ने यूट्यूबर एल्विश यादव और इन्फ्लुएंसर अंजलि अरोड़ा के गरबा-डांडिया आयोजनों का विरोध करते हुए सड़कों पर उतरकर पोस्टरों को आग के हवाले कर दिया।
दो निजी होटलों में होने वाले इन आयोजनों पर संगठनों ने तीखा हमला बोला, कहते हुए कि “ऐसे कलाकारों का मां दुर्गा की भक्ति से क्या लेना-देना?”
“ये आदर्श नहीं, बवाल हैं!”: हिंदू संगठनों का गुस्सा
हिंदू संगठनों ने गरबा जैसे पवित्र आयोजनों में एल्विश यादव और अंजलि अरोड़ा जैसे सोशल मीडिया सितारों को बुलाने पर आगबबूला होकर सड़कों पर उतर आए।
प्रदर्शनकारी धीरज सिंह ने भड़कते हुए कहा, “नवरात्रि का गरबा मां दुर्गा की भक्ति का प्रतीक है। एल्विश और अंजलि जैसे कलाकार, जिनका धर्म से कोई वास्ता नहीं, समाज को क्या संदेश देंगे? ये हमारे लिए आदर्श नहीं! हमने चौक पर पोस्टर फूंके और आयोजकों से कह रहे हैं कि ऐसे लोगों को बुलाना बंद करें!”
एक अन्य प्रदर्शनकारी ने तल्ख लहजे में कहा, “आपराधिक प्रवृत्ति के लोग गरबा में आकर शहर की शांति को तार-तार कर रहे। आयोजन हो, लेकिन ऐसे लोग बाहर रहें!”
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होटल संचालक की सफाई:
“होटल में सिर्फ हिंदू धर्म के लोगों को प्रवेश!”
विरोध की आग देख होटल संचालक मुकेश अग्रवाल ने तुरंत सफाई दी।
उन्होंने कहा, “हम हिंदू समाज के साथ हैं। हमारे होटल में सिर्फ हिंदू धर्म के लोग ही आएंगे। अश्लीलता फैलाने वालों को बाहर का रास्ता दिखाएंगे। गरबा पूरी तरह हिंदुत्व के रंग में रंगा होगा। हमें नहीं पता था कि कौन से कलाकार आ रहे हैं, युवाओं को ज्यादा खबर रहती है।”
अग्रवाल ने वादा किया कि आयोजन धार्मिक मर्यादा में रहेगा, लेकिन सवाल उठ रहा—क्या यह वादा बवाल थाम पाएगा?
गरबा बना जंग का मैदान!
हिंदू संगठनों ने गरबा को मां दुर्गा की भक्ति का पवित्र आयोजन बताया और गैर-धार्मिक कलाकारों की मौजूदगी को भावनाओं पर चोट करार दिया। छत्तीसगढ़ में “हिंदू-केवल” प्रवेश की मांग जोर पकड़ रही है।
वक्फ बोर्ड चेयरमैन सलीम राज ने मुस्लिम युवाओं से कहा कि अगर वे मूर्तिपूजा में यकीन नहीं रखते, तो गरबा से दूर रहें। महाराष्ट्र में VHP ने भी “हिंदू-ओनली” नियम थोपे हैं।
पुलिस की चौकसी: “शांति बनाए रखो, बवाल नहीं!”
अंबिकापुर पुलिस ने आयोजकों और प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की गुहार लगाई।
SP ने चेताया, “सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करें, कोई उकसावा बर्दाश्त नहीं।”
पुलिस ने होटलों पर नजर रखी और आयोजन को सुचारू रखने के लिए मुस्तैद रही। फिर भी, सड़कों पर जलते पोस्टर और गुस्साई भीड़ ने माहौल को गर्म कर दिया।
नवरात्रि की मस्ती पर विवाद का साया!
नवरात्रि के धार्मिक उत्सवों में इस तरह का हंगामा सामाजिक सद्भाव के लिए खतरे की घंटी है। पिछले साल भी छत्तीसगढ़ में गरबा आयोजनों पर ऐसे ही विवाद उठे थे। संगठनों का कहना है कि उनका मकसद नवरात्रि की पवित्रता बचाना है, लेकिन इसे सामुदायिक तनाव से जोड़ा जा रहा। क्या गरबा अब भक्ति का रंग बनाए रखेगा या बवाल का अखाड़ा बनेगा?
“सोशल स्टार्स या विवाद का तड़का?”
एल्विश यादव और अंजलि अरोड़ा जैसे सोशल मीडिया सितारों का गरबा में आना नवरात्रि की भावना पर सवाल खड़े कर रहा।
संगठन चिल्ला रहे हैं, “ये भक्ति नहीं, बवाल लाएंगे!”
क्या धार्मिक आयोजन अब सिर्फ मनोरंजन का मंच बनकर रह गए? यह सवाल अंबिकापुर की सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक गूंजने लगा है।