नई दिल्ली। सुबह उठते ही पेट में भारीपन, गैस या हल्का दबाव महसूस होना आम बात है। देर रात मसालेदार भोजन, नींद की कमी, कम पानी पीना या सूजन बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ इसके कारण हैं।
आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान कहते हैं कि कमजोर पाचन तंत्र और शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने से ये लक्षण उभरते हैं। सुबह खाली पेट तीन आयुर्वेदिक उपाय अपनाकर आप गैस, सूजन और भारीपन से राहत पा सकते हैं। ये नुस्खे पेट को हल्का रखते हुए शरीर को अंदर से साफ करते हैं।
नींबू-अदरक का काढ़ा: पाचन को तेज, सूजन को कम
आयुर्वेद में अदरक को ‘विषघ्न’ यानी टॉक्सिन्स निकालने वाली औषधि माना जाता है। इसमें मौजूद जिंजरॉल सूजन कम करता है, पाचन रसों को सक्रिय करता है और आंतों को शांत रखता है। नींबू का विटामिन सी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और भोजन पचाने में मदद करता है।
सुबह खाली पेट गर्म पानी में नींबू का रस और अदरक का टुकड़ा मिलाकर पिएं। इसमें थोड़ा शहद मिलाने से स्वाद बढ़ता है और एंटीबैक्टीरियल गुण मिलते हैं। यह काढ़ा गैस निकालता है, मेटाबॉलिज्म तेज करता है और पेट को हल्का रखता है।
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सौंफ की चाय: गैस का काल, आंतों का आराम
सौंफ भारतीय घरों में पाचन का पुराना नुस्खा है। इसमें मौजूद ऐनेथोल गैस को बनने से रोकता है और जमा गैस को बाहर निकालता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण आंतों को राहत देते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, सौंफ वात दोष को शांत करती है, जो गैस और सूजन का कारण है। एक कप गर्म पानी में एक चम्मच सौंफ उबालें, छानें और खाली पेट पिएं। कुछ दिनों में पेट हल्का और पाचन बेहतर होगा।
ग्रीन टी: डिटॉक्स और सूजन नियंत्रण का मास्टर
ग्रीन टी में कैटेचिन एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और सूजन कम करते हैं। यह पाचन तंत्र को दुरुस्त करती है और लीवर को डिटॉक्सिफाई करती है।
सुबह खाली पेट एक कप ग्रीन टी (बिना चीनी) पीने से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं, जिससे पेट हल्का और तरोताजा लगता है। इसके औषधीय गुणों को बनाए रखने के लिए चीनी से परहेज करें।
आयुर्वेद का संदेश: प्राकृतिक उपाय, स्वस्थ जीवन
ये तीनों उपाय सरल, प्राकृतिक और प्रभावी हैं। नियमित रूप से इन्हें अपनाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है, गैस और सूजन कम होती है और शरीर ऊर्जावान रहता है।
आयुर्वेदिक विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि इनके साथ संतुलित आहार और पर्याप्त पानी पीना जरूरी है।