नई दिल्ली. बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की तैयारियों में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने ईवीएम और वीवीपैट मशीनों का पहला रैंडमाइजेशन पूरा कर लिया है।
यह प्रक्रिया 11 अक्टूबर को 18 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) द्वारा पूरी की गई, जिसमें प्रथम स्तर की जांच (एफएलसी) पास करने वाली मशीनों का उपयोग किया गया।
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यह रैंडमाइजेशन राष्ट्रीय और राज्य स्तर के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में ईवीएम प्रबंधन प्रणाली (ईएमएस) के माध्यम से किया गया। यह कदम चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता, निष्पक्षता और किसी भी अनियमितता को रोकने के लिए उठाया गया है।
प्रक्रिया के तहत, 54,311 बैलट यूनिट (बीयू), 54,311 कंट्रोल यूनिट (सीयू), और 58,123 वीवीपैट को 121 विधानसभा क्षेत्रों के 45,336 मतदान केंद्रों के लिए यादृच्छिक रूप से आवंटित किया गया। इस बंटवारे को पूरी तरह से रैंडम तरीके से किया गया ताकि चुनाव प्रक्रिया में निष्पक्षता सुनिश्चित हो।
रैंडमाइजेशन के बाद, ईवीएम और वीवीपैट की सूची तैयार कर सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को उनके संबंधित जिला मुख्यालयों पर सौंप दी गई। इन मशीनों को अब दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में विधानसभा क्षेत्रों के स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखा जाएगा, जिससे चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता बनी रहे।
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निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया कि उम्मीदवारों की अंतिम सूची तैयार होने के बाद यह सूची सभी उम्मीदवारों के साथ भी साझा की जाएगी, ताकि उन्हें अपने क्षेत्र में उपयोग होने वाली मशीनों की जानकारी मिल सके।यह कदम बिहार में पहले चरण के चुनाव को निष्पक्ष और भरोसेमंद बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
राजनीतिक दलों ने इस प्रक्रिया का स्वागत करते हुए कहा कि उनकी उपस्थिति में किए गए रैंडमाइजेशन से चुनाव प्रक्रिया में विश्वास बढ़ा है। ईसीआई ने आश्वासन दिया कि आगे के चरणों में भी पारदर्शिता बनाए रखी जाएगी। बिहार में चुनाव तारीखों की घोषणा के बाद यह पहला बड़ा कदम है, जिसे लेकर उत्साह देखा जा रहा है।