नई दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के “वोट चोरी” के आरोपों पर कड़ा पलटवार किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, “राहुल गांधी 7 दिन में हलफनामा दें या देश से माफी मांगें।” आयोग ने राहुल के दावों को बेबुनियाद और मतदाताओं का अपमान बताते हुए कहा कि यह संवैधानिक प्रक्रिया पर हमला है। यह विवाद बिहार में विशेष गहन संशोधन (SIR) और महाराष्ट्र में मतदाता सूची पर विपक्ष के सवालों के बाद तेज हुआ।
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‘वोट चोरी का आरोप मतदाताओं का अपमान’
ज्ञानेश कुमार ने राहुल गांधी के दावे कि दोहरे मतदाता सूची में नाम होने से दो बार मतदान हुआ, को खारिज किया।
- उन्होंने कहा,
“भारत में विश्व की सबसे बड़ी मतदाता सूची और 1 करोड़ से अधिक चुनाव कर्मचारी हैं। मतदाताओं को अपराधी बताना अस्वीकार्य है। 7 दिन में हलफनामा न मिला, तो आरोप बेबुनियाद माने जाएंगे।”
आयोग ने इसे संविधान और मतदाताओं का अपमान करार दिया।
महाराष्ट्र के आरोपों पर सवाल
- CEC ने महाराष्ट्र में मतदाता सूची पर विपक्ष के सवालों को खारिज करते हुए कहा,
“चुनाव के 8 महीने बाद भी न तो उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गई, न ही सबूत दिए गए। समय पर दावे-आपत्तियां क्यों नहीं दर्ज कीं?”
उन्होंने “आखिरी घंटे में अधिक मतदान” के दावे का जवाब देते हुए कहा, “सच वही है, सूरज पूरब में ही उगता है।”
दोहरे मतदान का दावा बेबुनियाद
आयोग ने दोहरे मतदान के आरोपों को गलत बताया, “10 लाख BLA और 20 लाख पोलिंग एजेंट्स की मौजूदगी में दोहरे मतदान असंभव है। सबूत मांगे, पर कोई जवाब नहीं मिला। दो जगह वोट देना कानूनी अपराध है।” CEC ने जनता को भ्रमित करने के प्रयासों की निंदा की।
विपक्ष की ‘वोटर अधिकार यात्रा’
राहुल गांधी ने सासाराम से 1,300 किमी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ शुरू की, जिसमें उन्होंने ECI और BJP पर बिहार विधानसभा चुनाव में हेरफेर का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, “राहुल मृत घोषित मतदाताओं से मिले, फिर SIR में गड़बड़ी कैसे नहीं?” विपक्ष ने महादेवपुरा में 1 लाख संदिग्ध मतदाताओं का मुद्दा उठाया।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने राहुल गांधी के “वोट चोरी” के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए 7 दिन में हलफनामा या माफी की मांग की। ECI ने 75 साल की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर जोर देते हुए कहा कि वह हर मतदाता के साथ चट्टान की तरह खड़ा है।