बीजिंग. क्वालालंपुर में 25 अक्टूबर को चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक वार्ता शुरू हो गई। चीनी वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, चीनी उपप्रधानमंत्री हे लीफेंग के नेतृत्व में चीनी प्रतिनिधिमंडल अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर के साथ चर्चा कर रहा है।
यह वार्ता 24-27 अक्टूबर तक आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान चलेगी, और इसका मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच बढ़ते टैरिफ तनाव को कम करना है।
चीनी वाणिज्य मंत्री वांग वेनथाओ ने 24 अक्टूबर की प्रेस वार्ता में कहा, “एक जिम्मेदार बड़े देश के रूप में, चीन डी-कपलिंग का विरोध करता है और वैश्विक उत्पादन व सप्लाई चेन की स्थिरता की रक्षा करता है।”
उन्होंने जोर दिया कि पिछले चार दौर की वार्ताओं से साबित हुआ है कि पारस्परिक सम्मान और समानता के आधार पर दोनों देश चिंताओं का समाधान खोज सकते हैं।
वार्ता का फोकस रेयर अर्थ एलिमेंट्स के निर्यात प्रतिबंध, सेमीकंडक्टर व्यापार, कृषि आयात, और बाजार पहुंच जैसे मुद्दों पर है। सितंबर में स्पेन के मैड्रिड में हुई पिछली वार्ताओं के बाद यह पांचवां दौर है।
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अमेरिकी पक्ष ने इसे “बहुत रचनात्मक” बताया, लेकिन टैरिफ वृद्धि (नवंबर 10 तक का संक्षिप्त युद्धविराम) का मुद्दा प्रमुख रहेगा।
यह बैठक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग की 31 अक्टूबर को दक्षिण कोरिया के ग्योंगजू में एपीईसी शिखर सम्मेलन में संभावित मुलाकात से पहले हो रही है।
ट्रंप ने हाल ही में चीनी उत्पादों पर 100% अतिरिक्त टैरिफ की धमकी दी थी, जबकि चीन ने रेयर अर्थ निर्यात पर कड़े नियंत्रण लगाए हैं।
वार्ता वैश्विक व्यापार स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों देशों का विवाद दक्षिण-पूर्व एशिया (मलेशिया, वियतनाम) को आपूर्ति श्रृंखला विकल्प के रूप में प्रभावित कर रहा है।





