नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कांग्रेस पर चुनाव आयोग (ECI) की निष्पक्षता पर सवाल उठाने के लिए तीखा हमला बोला।
- नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा,
“जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब ECI पर कोई सवाल नहीं था, लेकिन हारने पर अब इन्हें आयोग की कार्यशैली पर शक हो रहा है।”
पासवान ने राहुल गांधी के “वोट चोरी” के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए सबूत पेश करने या जनादेश स्वीकार करने की चुनौती दी। यह बयान ECI के मुख्य आयुक्त ज्ञानेश कुमार के 7 दिन में हलफनामा या माफी की मांग के बाद आया है।
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“हारने पर ECI को दोष देना दोहरा मापदंड”
पासवान ने कांग्रेस के रवैये को दोहरा मापदंड करार दिया।
उन्होंने कहा, “झारखंड चुनाव जीतने पर कांग्रेस को ECI ठीक लगा, लेकिन महाराष्ट्र में हार के बाद ‘वोट चोरी’ का आरोप? यह गलत है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि ECI एक स्वतंत्र संस्था है, जो निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करती है, और उस पर बेबुनियाद सवाल उठाना लोकतंत्र को कमजोर करता है।
“आरोप लगाने वाले सबूत दें”
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए पासवान ने कहा, “वोट चोरी का आरोप लगाना आसान है, लेकिन ECI सबूत मांगता है तो चुप्पी साध लेते हैं।”
उन्होंने विपक्ष से संवैधानिक रास्ते अपनाने, जैसे हाई कोर्ट में याचिका दायर करने, की सलाह दी, न कि हो-हल्ला मचाने की।
“लोकतंत्र में जनादेश का सम्मान करें”
पासवान ने विपक्ष की कार्यशैली को निंदनीय बताते हुए कहा, “संसद नहीं चलने देना और ECI पर सवाल उठाकर अविश्वास पैदा करना गलत परंपरा है।”
उन्होंने CAA जैसे मुद्दों पर भी विपक्ष के “झूठे दावों” का जिक्र किया, जिसमें नागरिकता छिनने का डर फैलाया गया, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
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राहुल की ‘वोटर अधिकार यात्रा’
यह विवाद राहुल गांधी के बिहार में विशेष गहन संशोधन (SIR) और महाराष्ट्र में मतदाता सूची पर सवाल उठाने के बाद शुरू हुआ। राहुल ने सासाराम से ‘वोटर अधिकार यात्रा’ शुरू की, जिसमें उन्होंने ECI और BJP पर बिहार विधानसभा चुनाव में हेरफेर का आरोप लगाया। ECI ने 17 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन आरोपों को “संविधान का अपमान” बताते हुए राहुल से 7 दिन में हलफनामा या माफी मांगी थी।
विपक्ष का दावा
विपक्ष का दावा है कि SIR के जरिए बिहार में मतदाता सूची से लाखों नाम हटाए गए, जिसे ECI ने पारदर्शी प्रक्रिया बताया। यह विवाद बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल को गर्म कर सकता है।
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चिराग पासवान ने कांग्रेस के ECI पर आरोपों को “दोहरा मापदंड” और “लोकतंत्र पर हमला” करार दिया। उन्होंने विपक्ष से सबूत पेश करने या जनादेश स्वीकार करने की मांग की। यह बयान ECI की निष्पक्षता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की रक्षा पर जोर देता है। बिहार और महाराष्ट्र में मतदाता सूची विवाद ने चुनावी पारदर्शिता पर बहस को तेज कर दिया है।