नोएडा. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर होती जा रही है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज हुआ।
गाजियाबाद इस सूची में सबसे ऊपर रहा, जबकि नोएडा और दिल्ली भी प्रदूषण के खतरनाक स्तर से जूझ रहे हैं। दीवाली से पहले यह स्थिति स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बन रही है।
गाजियाबाद में 17 अक्टूबर की सुबह AQI 301 तक पहुंच गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। शहर के लोनी इलाके में यह आंकड़ा 352 तक जा पहुंचा, जो ‘गंभीर’ स्तर के करीब है।
अन्य क्षेत्रों में भी स्थिति चिंताजनक रही—संजय नगर में 288, इंदिरापुरम में 280 और वसुंधरा में 284 AQI दर्ज हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्तर का प्रदूषण लंबे समय तक बना रहा तो सांस की बीमारियां, जैसे अस्थमा और ब्रोंकाइटिस, बढ़ सकती हैं।
अक्टूबर के पहले हफ्ते में PM10 प्रमुख प्रदूषक रहा, जिसका स्तर 16 अक्टूबर को 307, 15 अक्टूबर को 254 और 14 अक्टूबर को 261 रहा।
नोएडा में भी हालात गंभीर हैं। सेक्टर-125 में AQI 337 (‘गंभीर’ श्रेणी), सेक्टर-116 में 269, सेक्टर-1 में 257 और सेक्टर-62 में 218 दर्ज हुआ। दिल्ली में आनंद विहार सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा, जहां AQI 365 तक पहुंचा, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
वजीरपुर (333), बवाना (306) और मुंडका (283) जैसे इलाकों में भी हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर रही।मौसम वैज्ञानिकों और पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, तापमान में कमी और हवा की धीमी गति के कारण प्रदूषक कण हवा में जमा हो रहे हैं।
हवा की दिशा और रफ्तार प्रदूषण को फैलाने में मदद नहीं कर पा रही। इसके पीछे पराली जलाना, वाहनों का धुआं, औद्योगिक उत्सर्जन और निर्माण गतिविधियां प्रमुख कारण हैं।स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि सुबह और शाम को बाहर निकलने से बचें, खासकर सांस के मरीज, बच्चे और बुजुर्ग।
N95 मास्क पहनने और घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने की सिफारिश की गई है। अगर स्थिति नहीं सुधरी तो ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत सख्त कदम उठाए जा सकते हैं। दीवाली नजदीक है, ऐसे में हरे पटाखों का उपयोग और कम वाहन चलाने की सलाह दी जा रही है।