काहिरा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 20-सूत्रीय शांति योजना के कार्यान्वयन के बीच मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलाती और कतर के प्रधानमंत्री व विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी ने फोन पर बातचीत की।
दोनों ने गाजा में युद्धविराम को मजबूत करने और स्थायी शांति की दिशा में काम जारी रखने का संकल्प जताया। उन्होंने वेस्ट बैंक की स्थिति पर चिंता जताई और इजरायल द्वारा अवैध बस्तियों का विस्तार निंदनीय बताया।
मिस्र के विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने गाजा में राजनीतिक हलचलों और ट्रंप योजना के क्रियान्वयन पर चर्चा की। उन्होंने कहा, “वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी के बीच एकता जरूरी है ताकि फिलिस्तीनी क्षेत्रों की भौगोलिक-राजनीतिक अखंडता बनी रहे। फिलिस्तीनी जनता को स्वयं निर्णय लेने का अधिकार मिलना चाहिए।” इजरायली हमलों को “शांति की संभावनाओं को कमजोर करने वाला” बताया।
बातचीत में गाजा में अंतरराष्ट्रीय बलों की तैनाती पर UNSC परामर्श पर विचार हुआ। दोनों ने सहमति जताई कि स्थिरीकरण बल की भूमिका और अधिकार स्पष्ट होने चाहिए ताकि पुनर्निर्माण और राहत कार्य तेज हों।
पृष्ठभूमि:
- इजरायल-हमास संघर्ष 2 साल चला, 10 अक्टूबर 2025 को ट्रंप योजना के पहले चरण पर युद्धविराम हुआ।
- मिस्र, कतर, तुर्की और अमेरिका ने मध्यस्थता की।
- योजना में हमास ने 20 जीवित बंधकों को रिहा किया, इजरायल ने 1,900 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा।
- दूसरे चरण में अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (अमेरिका, UAE, कतर, इंडोनेशिया, तुर्की, अजरबैजान) तैनाती।
- वेस्ट बैंक में इजरायली बस्तियां बढ़ीं, जो शांति प्रक्रिया को बाधित कर रही हैं।
यह पहल गाजा में शुरुआती पुनर्निर्माण को गति देगी, लेकिन स्थायी शांति के लिए फिलिस्तीनी एकता और UNSC की भूमिका महत्वपूर्ण है।





