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मुजफ्फरनगर जिला अस्पताल में पहुंचने से पहले ही सरकारी दवाई और इंजेक्शन चोरी, FIR दर्ज

District Hospital Mzn
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अमित सैनी
मुजफ्फरनगर से ‘द एक्स इंडिया’ के लिए


पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में सरकारी दवाओं और इंजेक्शनों की चोरी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिला हॉस्पिटल में पहुंचने से पहले ही लाखों की कीमत की अनमोल दवाएं और इंजेक्शन गायब हो गए। इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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चीफ फार्मेसिस्ट ने दर्ज कराया मुकदमा

 

चीफ फार्मेसिस्ट हरीश उनियाल ने शहर कोतवाली में इस मामले में नामजद मुकदमा दर्ज कराया है। एफआईआर के अनुसार, सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मदीना कॉलोनी निवासी गुलशनव्वर पुत्र शौकीन खान पर आरोप लगाया गया है कि वह सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल कर ड्रग वेयरहाउस से दवाएं और इंजेक्शन लेकर आता था। लेकिन ये दवाएं और इंजेक्शन जिला हॉस्पिटल में पहुंचने से पहले ही गायब हो जाती थीं।

 

लगातार होती रही चोरी

 

एफआईआर में बताया गया है कि यह सिलसिला 27 फरवरी 2024 से 5 नवंबर 2024 तक लगातार चलता रहा। मामले के उजागर होने के बाद जिला हॉस्पिटल में हड़कंप मच गया। हैरत इस बात की है कि करीब-करीब एक साल तक दवाईयों की चोरी होती रही और स्वास्थ्य विभाग को इस बारे में भनक तक नहीं लगी।

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वेयरहाउस और हॉस्पिटल में बीच में चोरी?

 

ये सरकारी दवाएं बामनहेड़ी रेलवे ओवरब्रिज के पास स्थित ड्रग वेयरहाउस से लाई जाती थीं। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की गोकुल धाम सोसाइटी निवासी चीफ फार्मेसिस्ट हरीश उनियाल ने एफआईआर में आरोप लगाया कि गुलशनव्वर दवाओं और इंजेक्शनों के साथ उनके वाउचर भी लेकर आता था और बीच में ही गायब कर दिया करता था।

 

पुलिस ने शुरू की जांच

 

शहर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा अपराध संख्या 12/2025 के तहत बीएनएस की धारा 316(2) में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस इस मामले में गबन के बड़े नेटवर्क की संभावना से इनकार नहीं कर रही है।

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प्रशासन की चुप्पी पर सवाल

 

इस मामले में ‘द एक्स इंडिया’ के संपादक अमित सैनी ने चीफ फार्मेसिस्ट हरीश उनियाल से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की। सीएमएस डॉ. राकेश ने कहा कि उन्हें मुकदमा दर्ज होने की जानकारी नहीं है, लेकिन उन्होंने ये स्वीकार किया कि हॉस्पिटल में दवाओं और इंजेक्शनों की चोरी होने का मामला उनकी जानकारी में हैं।

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बड़ा घोटाला होने का शक

 

इस पूरे मामले में कोई भी स्पष्ट रूप से बोलने को तैयार नहीं है। इससे अंदेशा जताया जा रहा है कि ये सरकारी दवाओं और इंजेक्शनों के गबन का बड़ा मामला हो सकता है, जिसे दबाने की कोशिश की जा रही है।

 

आगे की कार्रवाई

 

पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है। इस मामले को लेकर पुलिस ने अपने आलाधिकारियों को भी सूचना दे दी है।

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Author: thexindia

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