● नई मंडी लाठीचार्ज का गुस्सा, किसानों का जोरदार विरोध
मुजफ्फरनगर से ‘द एक्स इंडिया’ के लिए अमित सैनी
मुजफ्फरनगर, (उत्तर प्रदेश)। भारतीय किसान यूनियन (तोमर) ने नई मंडी कोतवाली में हाल ही में हुए पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ आज 2 जुलाई 2025 को मुजफ्फरनगर के कलेक्ट्रेट में ‘किसान सम्मान बचाओ महापंचायत’ का आयोजन किया। यह पंचायत कथित तौर पर किसानों और महिला कार्यकर्ताओं पर हुए पुलिसिया अत्याचार के विरोध में बुलाई गई। भाकियू (तोमर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी संजीव तोमर ने दोषी पुलिसकर्मियों के तत्काल निलंबन की मांग की, अन्यथा गाजीपुर बॉर्डर की तर्ज पर अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी दी।

शहर में किलेबंदी, पुलिस का कड़ा पहरा
पंचायत को देखते हुए जिला प्रशासन ने शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। शिव चौक, झांसी की रानी, सदर बाजार और प्रकाश चौक से कलेक्ट्रेट के प्रवेश द्वार पर तक बैरिकेड्स लगाए गए। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। शहर कोतवाली, सिविल लाइन थाना और नई मंडी कोतवाली सहित कई थानों की पुलिस मुस्तैद है। प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए यह कदम उठाया।

पंचायत की तैयारियां, खाने-पीने की व्यवस्था
कलेक्ट्रेट में पंचायत की तैयारियां जोर-शोर से की गईं। टेंट और लाउडस्पीकर लगाए गए, हलवाइयों ने भोजन की व्यवस्था की और नगर पालिका ने पीने के पानी के लिए टैंकर भेजा। भाकियू (तोमर) के जिला अध्यक्ष निखिल चौधरी के मुताबिक, ‘मुजफ्फरनगर सहित आसपास के जनपदों से सैकड़ों किसान इस पंचायत में शामिल होने की संभावना है’ संगठन का कहना है कि यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन किसानों के सम्मान और उनके हक की रक्षा के लिए है।

लाठीचार्ज का विवाद, पुलिस पर गंभीर आरोप
नई मंडी कोतवाली में हुए लाठीचार्ज की घटना ने भाकियू (तोमर) और पुलिस के बीच तनाव पैदा किया हुआ है। संगठन का आरोप है कि पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों और महिलाओं पर बेवजह लाठियां बरसाईं। चौधरी संजीव तोमर के मुताबिक, ‘कुछ पुलिसकर्मी… जैसे राजकुमार दरोगा, विनोद, तेजबीर और धनेश आदि बिना वर्दी के भी लाठीचार्ज में शामिल थे। इस घटना की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिससे संगठन का आक्रोश और बढ़ा हुआ है। हालांकि, पुलिस का दावा है कि कार्यकर्ताओं ने थाने में ट्रैक्टर लाने की कोशिश की और एक महिला कांस्टेबल के साथ अभद्रता की, जिसके चलते बल प्रयोग करना पड़ा।

किसानों की मांग, ‘सम्मान और न्याय’
चौधरी संजीव तोमर का कहना है कि ‘किसान देश का अन्नदाता है, फिर भी उस पर लाठियां बरस रही हैं। यह क्रांतिकारी धरती डरने वाली नहीं।’ उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों के निलंबन और किसानों की समस्याओं, जैसे बिजली विभाग की मनमानी, गन्ना बकाया भुगतान, और ट्रैफिक पुलिस के उत्पीड़न, पर तुरंत कार्रवाई की मांग की। संगठन ने प्रशासन और सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए चेतावनी दी कि मंगलवार तक मांगें न मानी गईं तो आंदोलन और तेज होगा

स्थानीय माहौल और संभावित प्रभाव
इस पंचायत की वजह मुजफ्फरनगर में भाकियू तोमर के कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों के बीच तनाव का माहौल पैदा किया हुआ है। इस पंचायत की वजह से सड़कों पर जाम की संभावना जताई जा रही है। स्थानीय लोग इसे किसानों और प्रशासन के बीच बढ़ते टकराव के रूप में देख रहे हैं। भाकियू (तोमर) का यह प्रदर्शन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन को नई दिशा दे सकता है, खासकर तब, जब संगठन ने गाजीपुर बॉर्डर जैसे लंबे आंदोलन की धमकी दी है।