कांग्रेस सरकार ने महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए मासिक धर्म अवकाश नीति 2025 को मंजूर किया, जो सालाना 12 दिनों की छुट्टी देगी और कार्यस्थल पर समावेशिता बढ़ाएगी।
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने 9 अक्टूबर 2025 को एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए ‘मासिक धर्म अवकाश नीति 2025’ को मंजूरी प्रदान की। यह नीति कामकाजी महिलाओं को हर महीने एक पेड लीव देगी, जो सालाना कुल 12 दिनों की छुट्टी के रूप में उपलब्ध होगी।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता वाली कैबिनेट बैठक में लिए गए इस फैसले की घोषणा विधान सौधा में विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री एच.के. पाटिल ने की। उन्होंने बताया कि यह नीति राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों, कारखानों, आईटी फर्मों, बहुराष्ट्रीय कंपनियों (एमएनसी) और निजी औद्योगिक क्षेत्रों में लागू होगी।
यह कदम महिलाओं के शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है, जो कार्यस्थल पर लिंग समानता को मजबूत करेगी।
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समिति की सिफारिशों से दोगुना लाभ
श्रम मंत्री संतोष लाड ने बताया कि पिछले एक वर्ष से इस नीति को लागू करने पर विचार-विमर्श चल रहा था। महिलाओं पर घरेलू जिम्मेदारियों के साथ-साथ कार्यभार का बोझ होता है, और मासिक धर्म के दौरान शारीरिक-मानसिक दर्द अतिरिक्त चुनौती बन जाता है।
इसके लिए गठित 18 सदस्यीय समिति ने सालाना छह दिनों की छुट्टी की सिफारिश की थी, लेकिन सरकार ने इसे दोगुना कर 12 दिनों का प्रावधान किया। लाड ने कहा कि महिलाएं लीव को एक साथ या अलग-अलग ले सकती हैं, और यह नीति बिना किसी कलंक के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देगी।
कर्नाटक अब बिहार (मासिक दो दिन) और ओडिशा (सरकारी कर्मचारियों के लिए एक दिन) जैसे राज्यों के साथ कतार में शामिल हो गया है, हालांकि यहां निजी क्षेत्र को भी शामिल किया गया है।
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अन्य राज्यों से प्रेरणा, लेकिन कर्नाटक का अपना दृष्टिकोण
मंत्री पाटिल ने स्पष्ट किया कि अन्य चार राज्यों की नीतियों का कोई विस्तृत अध्ययन नहीं किया गया, लेकिन उनकी सफलता से प्रेरित होकर कर्नाटक ने इसे अपनाया। विशेषज्ञ समिति ने कार्यस्थल की स्थितियों का मूल्यांकन किया, जहां गारमेंट और आईटी जैसे क्षेत्रों में महिलाओं की बड़ी संख्या है।
यह नीति उत्पादकता पर नकारात्मक प्रभाव न डाले, इसके लिए सावधानी बरती गई। कर्नाटक लेबर डिपार्टमेंट ने 2024 में छह दिनों का प्रस्ताव रखा था, लेकिन यूनियनों की मांग पर इसे बढ़ाया गया। श्रम मंत्री ने जोर दिया कि कर्नाटक में इसे सख्ती से लागू किया जाएगा, जो महिलाओं की कार्यबल भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा।
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कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण फैसले
कैबिनेट ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए उर्वरक भंडारण हेतु 200 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो किसानों को राहत देगा। इसके अलावा, 2,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पुलों के पुनर्निर्माण और नवीनीकरण को सैद्धांतिक मंजूरी मिली।
कर्नाटक भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों के लिए दूसरे चरण में 11 आवासीय विद्यालय स्थापित करने की स्वीकृति 405.55 करोड़ रुपये की लागत से दी गई। ये फैसले राज्य के विकास और कल्याण को दर्शाते हैं।