- अमित सैनी, मुजफ्फरनगर से ‘द एक्स इंडिया’ के लिए
मुजफ्फरनगर। जम्मू-कश्मीर के कटरा (Katra) में माता वैष्णो देवी (Mata Vaishno Devi) यात्रा मार्ग पर 26 अगस्त को हुए भूस्खलन (Landslide) ने मुजफ्फरनगर के चार परिवारों को जीवन भर का दर्द दे दिया। इस हादसे में प्रजापति समाज (Prajapati Community) के 23 तीर्थयात्रियों (Pilgrims) के एक दल में से 7 लोगों की मौत हो गई।
शनिवार को जब दक्षिणी रामपुरी (Dakshini Rampuri) में 6 तीर्थयात्रियों के शव ताबूत में पहुंचे, तो पूरा शहर गमगीन (Grief-Stricken) हो गया। हजारों लोगों की मौजूदगी में काली नदी रोड (Kali Nadi Road) के श्मशान घाट (Cremation Ground) पर अंतिम संस्कार (Funeral) किया गया।
हादसे का भयावह मंजर
25 अगस्त को दक्षिणी रामपुरी के 55 वर्षीय धर्मवीर सिंह (Dharmveer Singh) के नेतृत्व में 23 लोगों का दल, जिसमें 12 बच्चे शामिल थे, जम्मू तवी एक्सप्रेस (Jammu Tawi Express) से वैष्णो देवी दर्शन के लिए रवाना हुआ था। 26 अगस्त को अर्धकुंवारी (Ardhkuwari) से माता धाम की चढ़ाई के दौरान भारी बारिश (Heavy Rainfall) के कारण भूस्खलन हुआ।
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पानी और मलबे (Debris) ने कई तीर्थयात्रियों को अपनी चपेट में ले लिया। इस हादसे में मृतकों में दो मासूम भाई अनंत कुमार (Anant Kumar, 10) और दीपेश कुमार उर्फ डमरू (Deepesh Kumar, 8), रामबीरी देवी (Rambiri Devi, 49), अंजलि (Anjali, 22), मन्तेश उर्फ ममता (Mantesh alias Mamta, 43), और आकांक्षा (Aakansha, 16) शामिल हैं।
सातवें मृतक कार्तिक (Kartik, 18) शहर के रामलीला टिल्ला का रहने वाला था, उसकी भी इस हादसे में मौत हो गई। कई लोग अभी भी लापता (Missing) हैं और कुछ अस्पतालों में गंभीर हालत में भर्ती हैं।
सामुहिक अंतिम संस्कार
शनिवार सुबह 6 बजे शव दक्षिणी रामपुरी पहुंचे, जिसके बाद कोहराम मच गया। दादा देशराज प्रजापति (Deshraj Prajapati) अपने पोतों के शवों से लिपटकर बिलख पड़े, जबकि माताओं और बहनों के लिए बेटियां विलाप करती रहीं।
सुबह 7:30 बजे छह अर्थियां (Funeral Processions) रविन्द्र सिंह (Ravindra Singh), इन्द्रपाल प्रजापति (Indrapal Prajapati) और देशराज के घरों से निकलीं। रविन्द्र और इन्द्रपाल ने अपनी पत्नियों और बेटियों की चिताओं को मुखाग्नि दी, जबकि देशराज ने अनंत और दीपेश के शवों को बाल शव गृह में सुपुर्द-ए-खाक किया।
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प्रजापति समाज एक साथ तेरहवीं (Thirteenth-Day Ritual) आयोजित करने पर विचार कर रहा है। राजनीतिक दलों के नेताओं, जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान (Sanjeev Baliyan) शामिल हैं, ने परिवारों से मिलकर संवेदना (Condolences) व्यक्त की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
भूस्खलन की व्यापक तबाही
यह भूस्खलन त्रिकुटा पहाड़ी (Trikuta Hills) के अर्धकुंवारी क्षेत्र में दोपहर 3 बजे के आसपास हुआ, जब इंद्रप्रस्थ भोजनालय (Indraprastha Restaurant) के पास पहाड़ी ढह गई।
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भारी बारिश और बादल फटने (Cloudburst) के कारण मलबे और बोल्डरों (Boulders) ने यात्रा मार्ग को तबाह कर दिया। इस हादसे में कुल 34 लोगों की मौत हुई और 20 से अधिक घायल हुए।
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (SMVDSB) ने यात्रा को अगले आदेश तक निलंबित (Suspended) कर दिया है। जम्मू-कटरा राजमार्ग (Jammu-Katra Highway) बंद है और 22 ट्रेनें रद्द (Cancelled) हुईं। प्रशासन और एनडीआरएफ (NDRF) बचाव कार्य (Rescue Operations) में जुटे हैं।
सामाजिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने मृतकों के परिजनों के लिए 6 लाख रुपये और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने 9 लाख रुपये की सहायता राशि (Compensation) की घोषणा की। हालांकि, परिजनों ने श्राइन बोर्ड पर मौसम चेतावनियों (Weather Warnings) की अनदेखी का आरोप लगाया। बोर्ड ने दावा किया कि 26 अगस्त को दोपहर 12 बजे यात्रा रोक दी गई थी। इस त्रासदी ने मुजफ्फरनगर और पूरे देश को झकझोर दिया है।