पवित्र नदी की गोद में छिपी हैरानी की गहराई ने एक गांव को शोक में डुबो दिया, जहां बचाव की उम्मीद अब भी बाकी है
मिर्जापुर के विंध्याचल कोतवाली क्षेत्र के निफरा गांव स्थित गंगा घाट पर सोमवार दोपहर एक स्नान यात्रा त्रासदी में बदल गई। पांच युवक गंगा स्नान के लिए पहुंचे थे, लेकिन अचानक गहरे पानी में फिसल गए। स्थानीय नाविकों की तत्परता से तीन को तो बचा लिया गया, लेकिन दो किशोरों की जान चली गई।
डूबने की शुरुआत
दोपहर करीब एक बजे निफरा गांव के पांचों युवक—ओम पांडेय (14), सोम पांडेय (12), शिवम शर्मा (12), अनुराग सरोज (15) और शिवम पांडेय (22)—गंगा स्नान के लिए घाट पर उतरे। नहाते समय पैर फिसलने से वे गहराई में चले गए। मौके पर मौजूद नाविकों ने सोम पांडेय, शिवम शर्मा और शिवम पांडेय को सुरक्षित बाहर निकाला, लेकिन ओम और अनुराग को नहीं बचा सके।
रेस्क्यू अभियान में देरी
हादसे की खबर फैलते ही गांव में कोहराम मच गया। परिजन रोते-बिलखते घाट पर पहुंचे। एसडीएम सदर गुलाब चंद्र, सीओ नगर विवेक जावला और थाना प्रभारी विंध्याचल वेद प्रकाश पांडेय पुलिस बल संग मौके पर पहुंचे। स्थानीय गोताखोरों और एसडीआरएफ टीम ने तुरंत रेस्क्यू शुरू किया।

अनुराग का शव बरामद
देर शाम तक चले अभियान में अनुराग सरोज (15 वर्ष, पुत्र मनोज) का शव बरामद हो गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। अनुराग के पिता मनोज ने बताया कि बेटा दोस्तों संग स्नान को गया था, लेकिन लौटा ही नहीं। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया।
ओम पांडेय की तलाश
दूसरे किशोर ओम पांडेय (14 वर्ष, पुत्र दिनेश चंद्र पांडेय) का अभी तक पता नहीं चला। मंगलवार सुबह एसडीआरएफ और गोताखोर फिर से गोताखोरी कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि हरसंभव प्रयास जारी है, और परिजनों को सहायता दी जाएगी।
स्थानीय लोगों का आरोप
गांव वालों का कहना है कि घाट पर चेतावनी बोर्ड और गहराई के संकेतक नहीं हैं। तेज बहाव और अचानक गहराई ने हादसे को आमंत्रित किया। विंध्याचल क्षेत्र में गंगा घाटों पर स्नान के दौरान ऐसे हादसे बढ़ रहे हैं, खासकर मानसून के बाद।
प्रशासन की जांच
पुलिस हादसे के कारणों की जांच कर रही है। थाना प्रभारी वेद प्रकाश पांडेय ने बताया कि गवाहों के बयान दर्ज हो रहे हैं। एसडीएम गुलाब चंद्र ने घाटों पर सुरक्षा उपायों को मजबूत करने का ऐलान किया। यह घटना स्नान स्थलों पर सतर्कता की जरूरत पर जोर देती है।





