दशकों पुरानी किसान पीड़ा ने सड़क पर उतार दिया, जहां एक आश्वासन ने गुस्से को ठंडा किया, लेकिन समाधान की राह अभी लंबी
मुजफ्फरनगर के मीरापुर विधानसभा क्षेत्र में सोमवार को मोरना शुगर मिल के विस्तारीकरण को लेकर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे बिजनौर सांसद चंदन चौहान का काफिला मिल के सामने से गुजर रहा था, तभी सैकड़ों किसान सड़क पर उतर आए। उन्होंने सांसद की गाड़ी रोककर जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी।

किसानों का पुराना दर्द
क्षेत्र के किसान लंबे समय से द गंगा किसान सहकारी चीनी मिल लिमिटेड मोरना के विस्तार की मांग कर रहे हैं। मिल की मौजूदा पेराई क्षमता 2500 टन प्रतिदिन (टीसीडी) है, जो बढ़ते गन्ना उत्पादन के मुकाबले नाकाफी साबित हो रही है। हर सीजन में तौल और भुगतान में देरी से किसानों को भारी नुकसान होता है।
हंगामे का केंद्र बिंदु
किसानों ने ‘विस्तारीकरण करो या जवाब दो’ के नारे लगाते हुए सांसद से सीधा सवाल किया। उन्होंने मिल प्रबंधन पर अनावश्यक देरी का आरोप लगाया। यह प्रदर्शन करीब एक घंटे चला, जिसमें भारी भीड़ जमा हो गई। स्थानीय किसान संगठनों ने इसे सालों की उपेक्षा का परिणाम बताया।
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रविंद्र प्रधान का गुस्सा
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे रविंद्र प्रधान अथई ने कहा, “हमने सालों से मिल विस्तार की मांग की है। इससे गन्ने की तौल और भुगतान की समस्याएं खत्म होंगी। सरकार के वादों के बावजूद काम अटका है, अब और इंतजार नहीं।” किसानों ने सांसद को ज्ञापन सौंपा, जिसमें तत्काल कार्रवाई की गुजारिश की।

चंदन चौहान का सख्त रुख
सांसद चंदन चौहान ने गाड़ी से उतरकर किसानों से बात की। उन्होंने कहा, “मैं साफ कहता हूं, अगर मोरना शुगर मिल का विस्तारीकरण नहीं हुआ, तो मैं इस मिल में कदम नहीं रखूंगा। 275 करोड़ रुपये की लागत से यह प्रोजेक्ट जल्द शुरू होगा। जब तक काम नहीं चलेगा, मैं चैन से नहीं बैठूंगा।” चौहान ने खुद को किसानों का हमेशा साथी बताया।
पुरानी घोषणाओं का इतिहास
यह मांग नई नहीं है। 2021 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में विस्तार की घोषणा की थी, और 2024 के बजट में 65 करोड़ का प्रावधान किया गया। फिर भी काम अटका रहा। जुलाई 2024 में जयंत चौधरी ने सीएम को पत्र लिखा, जबकि मई 2025 में प्रमुख सचिव वीना कुमारी मीणा ने शीघ्र शुरू होने का भरोसा दिया। चंदन चौहान ने सदन में कई बार मुद्दा उठाया।
शांत प्रदर्शन, लेकिन सतर्कता
सांसद के आश्वासन के बाद किसान शांत हुए, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि वादा पूरा न हुआ तो बड़ा आंदोलन होगा। मिल विस्तार से करीब 10 हजार किसानों को लाभ मिलेगा, जिसमें बेहतर तौल, भुगतान और रोजगार शामिल है। यह घटना पश्चिमी यूपी के गन्ना बेल्ट में किसान असंतोष को उजागर करती है।





